लखनऊ: यूपी की कानून-व्यवस्था को बेहतर करना योगी सरकार की प्रमुख उद्देश्यों में से एक है. इसी के तहत उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठने के बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि उनका महकमा अपराध के मौजूदा और उभरते हुए तौर-तरीकों का गहन अध्ययन कर रहा है और खासकर महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ होने वाले अपराधों की रोकथाम उनकी प्राथमिकता है.
डीजीपी ने कहा कि ‘कड़क अंदाज के साथ बेसिक पुलिसिंग’ उनका मूल मंत्र है. आम लोगों में सुरक्षा की भावना और अपराधियों में पुलिस का खौफ पैदा करना उनकी प्राथमिकता है. कोशिश है कि जनता के बीच पुलिस की छवि एक मित्र की बने. सिंह नेमीडिया से खास बातचीत में अत्याधुनिक तकनीक से लैस अपराधियों और साइबर क्राइम के पेचीदा मामलों की चुनौतियों के बारे में कहा कि हम अपराध के मौजूदा और नये-नये तरीकों का गहन अध्ययन कर रहे हैं, ताकि समय रहते उनकी रोकथाम हो सके. हमारा खास जोर महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के प्रति होने वाले अपराधों के नियंत्रण पर है.
प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे की एक भी घटना से इनकार करते हुए पुलिस प्रमुख ने कहा कि कुछ जिलों में दो पक्षों के बीच टकराव की घटनाएं जरूर हुई, मगर उन्हें समय रहते काबू कर लिया गया. प्रदेश में एक भी फिरकावाराना वारदात नहीं हुई है. कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश पिछले एक साल से पूरी तरह दंगामुक्त है. कासगंज में गत 26 जनवरी को हुई सांप्रदायिक हिंसा के बारे में उन्होंने कहा कि वहां भी दो पक्षों के बीच हिंसा हुई, जिसे प्रभावी ढंग से रोक लिया गया है. जहां तक प्रदेश में जगह-जगह तिरंगा यात्रा तथा अन्य यात्राएं निकाले जाने का सवाल है, तो स्थानीय प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि कानून हाथ में लेने वालों को कतई ना बख्शा जाये.
डीजीपी ने कहा कि राज्य सरकार ‘डायल-100‘ सेवा का कायाकल्प करने जा रही है. मूलभूत ढांचे और प्रौद्योगिकीय उन्नयन के जरिये ऐसा किया जायेगा. इसके लिये चारपहिया वाहनों के साथ-साथ मोटरसाइकिलें भी खरीदी जायेंगी. उन्होंने कहा कि पुलिस अफसरों की कार्यशैली को बेहतर बनाने के लिये उन्हें भ्रष्टाचार रोकने और मुकदमा दर्ज होने के फौरन बाद हरकत में आने के निर्देश दिये गये हैं. हमारा जोर है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद उसे जल्द से जल्द तार्किक निष्कर्ष तक भी पहुंचाया जाये ताकि अपराधियों को कोई राहत न मिल सके.
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