25 साल बाद भाजपा के खिलाफ फिर साथ आयी सपा और बसपा, जानें…
नेशनल कंटेंट सेल उत्तर प्रदेश में मोदी और योगी के कारण राजनीतिक रूप से सिमट चुकी सपा और बसपा प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुके सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की फूलपुर (इलाहाबाद) लोकसभा उपचुनाव आपसी तालमेल से लड़ेंगे. बसपा हमेशा की तरह इस बार भी उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतार रही. […]
नेशनल कंटेंट सेल
उत्तर प्रदेश में मोदी और योगी के कारण राजनीतिक रूप से सिमट चुकी सपा और बसपा प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुके सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की फूलपुर (इलाहाबाद) लोकसभा उपचुनाव आपसी तालमेल से लड़ेंगे. बसपा हमेशा की तरह इस बार भी उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतार रही. साथ ही बसपा आलाकमान ने घोषणा की है कि इन सीटों पर जो भी उम्मीदवार भाजपा को हराने में सक्षम में होगा कार्यकर्ता उसे समर्थन करेंगे.
गौरतलब है कि बसपा के मैदान से हटने के बाद भाजपा के मुकाबले सपा उम्मीदवार ही सबसे अधिक जनसमर्थन वाले प्रत्याशी होंगे. इसी के साथ ही दोनों दलों में आनेवाले कुछ ही दिनों में होने जा रहे राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में भी तालमेल होगा. 1993 में गेस्ट हाउस कांड के बाद आहत मायावती ने कभी सपा से तालमेल की कोशिश नहीं की. गेस्ट हाउस में मायावती पर हमला और बदसलूकी हुई. आरोप सपा कार्यकर्ताओं पर लगा. इससे पहले 1993 में सपा-बसपा साथ चुनाव लड़ चुके हैं. तब गठबंधन को 176 सीटें और भाजपा को 177 सीटें मिली थीं.
सांप्रदायिक ताकतों को हरायेंगे : सपा उपाध्यक्ष
समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद किरणमय नंदा ने कहा कि बसपा प्रमुख मायावती ने प्रदेश में सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए सपा का सहयोग करने की बात की है. सपा-बसपा मिलकर सांप्रदायिक ताकतों को हरायेंगी.
सपा की टोपी भी लाल है, जल्द अस्त होगी : योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी की बात को दोहराते हुए कहा कि जब सूर्योदय होता है, तब सूर्य का रंग केसरिया होता है. सूर्यास्त के समय रंग लाल होता है. सपा की टोपी भी लाल है. उसका भी अस्त होने का समय आ गया है.
किसी से गठबंधन नहीं, वोट ट्रांसफर के लिए तालमेल
बसपा अध्यक्ष मायावती ने उपचुनाव में गठबंधन की खबरों को गलत बताया. मगर राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में सपा और कांग्रेस के साथ ‘सहयोग’ के दरवाजे खोल दिये. मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बसपा ने कर्नाटक के अलावा किसी भी प्रदेश में गठबंधन नहीं किया है. भविष्य में अगर विधिवत गंठबंधन होता है, तो गुपचुप नहीं होगा. राज्यसभा और विप में अगर विधायक वोट ‘ट्रांसफर’ कर देते हैं, तो भी यह चुनावी गठबंधन नहीं माना जायेगा. कहा, ‘बसपा किसी को राज्यसभा नहीं भेज सकती. ना ही सपा दो सदस्य भेज सकती है. उसे दूसरे सदस्य के लिए और वोट चाहिए. इसलिए बसपा ने सपा से बात कर निर्णय लिया है कि हमारी पार्टी का कार्यकर्ता राज्यसभा जायेगा. बदले में हम उन्हें विप चुनाव में मदद करेंगे.
कौन हैं उम्मीदवार
सपा उम्मीदवार
फूलपुर: नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल
परिचय: राज्य कार्यकारिणी सदस्य
गोरखपुर: प्रवीण निषाद
परिचय: निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे
भाजपा प्रत्याशी
फूलपुर: कौशलेंद्र सिंह पटेल
परिचय: (पूर्व मेयर वाराणसी)
गोरखपुर: उपेंद्र दत्त शुक्ल
परिचय: क्षेत्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा
विधानसभा में दलीय स्थिति
बसपा: 19
सपा: 47
भाजपा : 312