न्यायपालिका को हर संभव सहयोग करेगी सरकार : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि कानून का राज ही सभ्य समाज की आत्मा है और आमजन को त्वरित एवं निष्पक्ष न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार न्यायपालिका को हर संभव सहयोग उपलब्ध करायेगी. मुख्यमंत्री ने आज यहां आयोजित उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के 41वें अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2018 7:29 PM

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि कानून का राज ही सभ्य समाज की आत्मा है और आमजन को त्वरित एवं निष्पक्ष न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार न्यायपालिका को हर संभव सहयोग उपलब्ध करायेगी. मुख्यमंत्री ने आज यहां आयोजित उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के 41वें अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि न्यायपालिका लोकतंत्र का अत्यन्त सशक्त स्तंभ है. कानून का राज सभ्य समाज की आत्मा है. राज्य सरकार न्याय व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए कृतसंकल्प है और आम जनता को त्वरित एवं निष्पक्ष न्याय दिलाने के लिए वह न्यायपालिका का हर संभव सहयोग करेगी.

योगी आदत्यनाथ ने न्यायिक अधिकारियों से न्यायालयों में लंबित वादों की भारी संख्या को कम करने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीबी भोंसले द्वारा न्यायिक कार्य में आधे घंटे की वृद्धि का समर्थन करते हुए कहा कि इसके लिए न्यायिक अधिकारियों को अपनी ओर से सार्थक पहल करनी चाहिए. प्रदेश सरकार द्वारा महापुरूषों की जयंती आदि पर होने वाली 15 छुट्टियों को समाप्त करने से प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में हुई 50 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि न्यायिक अधिकारियों द्वारा न्यायिक कार्य की अवधि में वृद्धि का प्रभाव बहुत उपयोगी हो सकता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में न्यायिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अनेक प्रभावी कदम उठायेगये हैं. इसके तहत 111 अतिरिक्त परिवार न्यायालय गठित कियेगये हैं. भू-अर्जन के मुकदमों के जल्द निस्तारण के लिये जनपद न्यायाधीश स्तर के 13 भू-अर्जन न्यायालयों का गठन भी किया जा चुका है. प्रदेश के प्रत्येक मंडल में कमर्शियल न्यायालयों के गठन के निर्णय के तहत 13 कमर्शियल न्यायालयों का गठन भी किया गया है. इसके अलावा महिलाओं के लिए विशेष न्यायालयों का गठन किया गया है. जनोपयोगी सेवाओं के लिये 24 नयी स्थायी लोक अदालतों का गठन भी किया गया है.

योगी ने इस मौके पर उत्तर प्रदेश न्यायिक अधिकारी कल्याण कोष में 10 करोड़ रुपये दिये जाने, न्यायिक अधिकारियों को सेवाकाल के दौरान 50 हजार रुपये का आवासीय फर्नीचर भत्ता दिये जाने तथा न्यायिक सेवा में आने के उपरांत अधिकारी द्वारा एलएलएम की उपाधि हासिल करने पर तीन अग्रिम वेतन वृद्धि दिये जाने की घोषणा भी की.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति भोंसले ने कहा कि अधीनस्थ न्यायालयों में लंबित लगभग 60 लाख वाद न्याय व्यवस्था के समक्ष बड़ी चुनौती है. इसका सफलतापूर्वक सामना करने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा न्यायिक कार्यावधि में वृद्धि, मध्यस्थता आदि के संबंध मेंलियेगये निर्णयों का प्रभावी अनुपालन जरूरी है.

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