लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजनीतिक में धूर विरोधी रहीं दो राजनीतिक पार्टियां एक साथ आ गयी हैं. मायावती पर निशाना साधते हुए एक बार अखिलेश ने कहा था कि मैं उन्हें बुआ मानता था लेकिन अब वो मेरी बुआ नहीं है. राजनीति के टूटते – बनते रिश्ते एक बार फिर मजबूत होते दिख रहे हैं.
बीएसपी के समर्थन से गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर मिली के बाद अखिलेश सबसे पहले मायावती से मिलने पहुंचे. मायावती ने भी अपनी काली मर्सिडीज़ भेजकर इस गठबंधन को और मजबूत करने का इशारा कर दिया. उपचुनाव में मिली जीत से समाजवादी पार्टी और बीएसपी में उत्साह है. जीत के बाद मायावती से मिलकर जीत की बधाई दी और साथ आने के लिए आभार जताया.
इस मुलाकात में सबसे अहम रही मर्सेडीज. नवभारत टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार मायावती ने इस मुलाकात केलिए अखिलेश के पास खुद गाड़ी भेजी थी. इसी गाड़ी में सवार होकर अखिलेश मायावती के पास पहुंचे. दावा तो यहां तक है कि इन दोनों की मुलाकात पहले से तय नहीं थी. जीत के बाद अचानक मुलाकात का फैसला लिया गया. बीएसपी के राष्ट्रीय सेक्रटरी सतीश चंद्र मिश्रा और बीएसपी सांसद अशोक सिद्धार्थ ने इस मुलाकात में अहम भूमिका निभायी.
शाम करीब सात बजे काली मर्सिडीज़ से अखिलेश मायावती के घर पहुंचे हालांकि अखिलेश के साथ उनका काफिला भी था लेकिन इस मुलाकात में दोनों तरफ से हाथ बढ़े. बताया जा रहा है कि एक नेता ने फोन पर बधाई के बाद उन्हें मायावती से मिलने का सुझाव दिया था. उधर मायावती को भी इसी तरह की राय मिली.
फोन पर बातचीत के बाद गाड़ी भेजी गयी और अखिलेश मायावती से मिलने आ गये. 45 मिनट तक चली इस मुलाकात में कई अहम बातों पर चर्चा हुई. अखिलेश इस मुलाकात में लाल टोपी पहनकर पहुंचे थे.मुलाकात के बाद उन्होने पत्रकारों का अभिवादन किया लेकिन इस मुलाकात में क्या बातचीत हुई. इस पर खुलकर नहीं बोले