इन वजहों से उत्तर प्रदेश में हार गयी भाजपा
!! हरीश तिवारी !! भले ही भाजपा ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में मिली हार को स्वीकार कर लिया है. लेकिन इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि टिकट वितरण में भाजपा नेतृत्व स्थानीय मतदाताओं की नब्ज नहीं पहचान पाया. पार्टी ने गोरखपुर में गोरक्षनाथ पीठ से बाहर के व्यक्ति को तो […]
!! हरीश तिवारी !!
भले ही भाजपा ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में मिली हार को स्वीकार कर लिया है. लेकिन इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि टिकट वितरण में भाजपा नेतृत्व स्थानीय मतदाताओं की नब्ज नहीं पहचान पाया. पार्टी ने गोरखपुर में गोरक्षनाथ पीठ से बाहर के व्यक्ति को तो फूलपुर में स्थानीय दावेदारी को दरकिनार कर बाहरी को टिकट दिया. जिसका खामियाजा पार्टी को लोकसभा की दो सीट गंवाकर भुगतना पड़ा है.
दरअसल करीब तीन दशक तक गोरक्षनाथ पीठ का कब्जा गोरखपुर सीट पर रहा. लेकिन इस बार पार्टी ने गोरखपुर प्रांत के अध्यक्ष उपेन्द्र दत्त शुक्ला को मैदान में उतारा. हालांकि योगी अपने किसी खास के लिए गोरखपुर से टिकट चाह रहे थे. लेकिन पार्टी ने उनकी नहीं सुनी. वहीं फूलपुर सीट पर भी पार्टी ने केशव प्रसाद मौर्या की अनदेखी करते हुए मिर्जापुर से निवासी कौशलेन्द्र सिंह पटेल को टिकट दिया. मौर्या फूलपुर से अपनी पत्नी के लिए टिकट चाह रहे थे.
पटेल के बाहरी होने के कारण स्थानीय कार्यकर्ता ज्यादा सक्रिय नहीं था. गोरखपुर में लोगों की आस्था गोरक्षनाथ पीठ पर है और मतदाताओं ने हमेशा से ही पीठ के प्रत्याशी को ही वोट दिया. जबकि इस बार स्थिति उलट थी. जिसके कारण मतदाताओं में वह जोश नहीं रहा और भाजपा का परंपरागत मतदाता ने वोट नहीं डाला. जिसके कारण इन दोनों सीटों पर पिछले चुनाव की तुलना में वोटिंग कम हुई.
गोरखपुर में सपा के प्रवीण निषाद ने भाजपा के उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21961 मतों से हराकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर कब्ज़ा जमाया. गोरखपुर में सपा, बसपा और क्षेत्रीय पार्टियों की जुगलबंदी प्रवीण निषाद को 456437 वोट मिले, जबकि उपेंद्र शुक्ला को 434476 वोट प्राप्त हुए. फूलपुर में सपा के नागेन्द्र सिंह पटेल ने बीजेपी के कौशलेन्द्र सिंह पटेल को हराकर बड़ी जीत दर्ज की है. नागेन्द्र सिंह पटेल ने कौशलेन्द्र को 59613 वोटों से हराया। नागेन्द्र पटेल को 342796 वोट मिले, जबकि बीजेपी के कौशलेन्द्र को 283183 वोट मिले.
जाहिर है कि ये नतीजे भाजपा नेतृत्व के लिए भी सबक लेकर आए हैं. कुछ दिन पहले ही भाजपा को पूर्वोत्तर में मिली जीत के सामने यह हार बड़ी है। क्योंकि यह चुनाव एक तरह से पार्टी के लिए लिटमस टेस्ट था और जिसमें पार्टी फेल हुई है. हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी लोकसभा उपचुनाव में पार्टी की हार स्वीकार कर ली है और उन्होंने कहा कि जनता ने जो फैसला दिया है,उसे हम स्वीकार करते हैं. हम जल्द ही इसकी समीक्षा करेंगे. सीएम ने कहा कि मैं गोरखपुर और फूलपुर से विजयी प्रत्याशियों को बधाई देता हूं और विश्वास करता हूं कि वे जनता के लिए काम करेंगे। योगी ने कहा कि उपचुनाव में लोकल मुद्दे हावी हो जाते हैं। हमारे लिए दोनों ही चुनाव सबक हैं.