राज्यसभा चुनाव के लिए डिनर डिप्लोमैसी : योगी की बैठक में पहुंचे नरेश अग्रवाल के बेटे, BJP को करेंगे वोट

हरीश तिवारी लखनऊ: यूपी में राज्यसभा चुनाव के लिए डिनर डिप्लोमैसी का दौर शुरू हो गया है. सत्तापक्ष हो या फिर विपक्ष, सभी विधायकों को एकजुट रखने के लिए विधायकों से डिनर के जरिये गुप्तगू कर रहे हैं. भाजपा ने सपा के विधायकों में सेंधमारी करते हुए उनका एक विधायक अपनी तरफ कर लिया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2018 10:40 PM

हरीश तिवारी

लखनऊ: यूपी में राज्यसभा चुनाव के लिए डिनर डिप्लोमैसी का दौर शुरू हो गया है. सत्तापक्ष हो या फिर विपक्ष, सभी विधायकों को एकजुट रखने के लिए विधायकों से डिनर के जरिये गुप्तगू कर रहे हैं. भाजपा ने सपा के विधायकों में सेंधमारी करते हुए उनका एक विधायक अपनी तरफ कर लिया है. फिलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर चल रही भाजपा व सहयोगी दल के विधायकों की बैठक में नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल भी पहुंचे. जबकि सपा द्वारा आयोजित डिनर में शिवपाल सिंह यादव और उनके समर्थक छह विधायकों के हिस्सा नहीं लेने की चर्चा है.

राज्यसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए आज मुख्यमंत्री आवास पर रात्रि भोज का आयोजन किया गया है. भोज से पहले भाजपा और सहयोगी दलों के विधायकों को मतदान का प्रशिक्षण दिया गया. हालांकि, अभी तक भाजपा से नाराज चल रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और राज्य सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी बैठक में पहुंचे. उन्हें योगी ने अपने मंच पर जगह दी गयी. ताकि उनकी नाराजगी कम की जा सके.इनसबके बीच राजभर कल भाजपा के पक्ष में वोट करने का एलान कर चुके हैं.

वहीं, आज भाजपा की इस बैठक में नरेश अग्रवाल के बेटे और सपा विधायक नितिन अग्रवाल ने भी हिस्सा लिया. ऐसे में सपा का एक वोट भाजपा को मिलना तय माना जा रहा है. हाल ही में सपा के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल भाजपा में शामिल हुए हैं. उन्होंने पहले ही एलान कर दिया था कि उनके बेटे सपा विधायक नितिन अग्रवाल राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को वोट करेंगे. अग्रवाल को अपने पक्ष में कर भाजपा ने सपा के विधायकों में सेंधमारी कर दी है.

असल में भाजपा और गठबंधन के 324 विधायकों में 200 से ज्यादा नये विधायक हैं. इन्हें इस तरह के चुनाव में तकनीकी वोटिंग की जानकारी नहीं है. भाजपा के रणनीतिकारों को आशंका है कि इसके चलते कहीं उनका कोई उम्मीदवार फंस न जाये. वजह यह है कि भाजपा ने नौ उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जिन्हें जिताने के लिए उसे अपने के अलावा लगभग सात और विधायकों के वोट चाहिए. ऐसी स्थिति में अगर कहीं किसी विधायक का वोट खराब हो गया तो भाजपा की चुनौती बढ़ जायेगी.

गणित बैठाने के लिए सियासी दलों ने शुरू कर दी कोशिशें
यूपी में 10 सीटों के लिए हो रहे राज्यसभा चुनाव में वोटों का गणित बैठाने के लिए सियासी दलों ने कोशिशें शुरू कर दी हैं. अपने-अपने खेमे के विधायकों को डिनर या बैठक के बहाने एकजुट किया जा रहा है. समाजवादी पार्टी अपने विधायकों को दो दिन पांच सितारा होटल में डिनर देगी तो कांग्रेस भी अपने सात विधायकों को एकजुट करने के लिए बैठक कर रही है. हालांकि पिछले दिनों कांग्रेस के विधायक दल के नेता द्वारा बुलाई गये बैठक में पार्टी के तीन विधायक नदारद थे.

उधर, बीएसपी प्रमुख मायावती ने अपने घर पर ही विधायकों की बैठक बुलायी है. जबकि, लखनऊ में चर्चा है कि सपा विधायक और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव और उनके विधायक आज रात के डिनर में हिस्सा नहीं लेंगे. शिवपाल सहकारिता के चुनाव के लिए सिलसिले में इटावा गये हैं. राष्ट्रपति चुनाव में शिवपाल ने रामनाथ कोविंद को वोट किया था.

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