लखनऊ : जेल में बंद बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी के वोट देने पर लगी अदालती रोक और कारागार में निरुद्ध सपा विधायक हरिओम यादव के वोट दे पाने को लेकर उभरे संशय के बाद उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटों के लिए आज होनेवाले चुनाव में बसपा प्रत्याशी की जीत का सारा दारोमदार निर्दलीय विधायकों के रुख और विपक्ष की एकजुटता पर आ टिका है. यह चुनाव आगामी लोकसभा निर्वाचन के लिए सूबे की दो बड़ी सियासी ताकतों सपा और बसपा के गठबंधन की संभावनाओं के लिहाज से निर्णायक होगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजुल भार्गव ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए जेल में बंद बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को राज्यसभा चुनाव में मतदान करने से रोक दिया. इसके अलावा जेल में बंद सपा विधायक हरिओम यादव के भी चुनाव में वोट नहीं डाल पाने की आशंका है. इससे बसपा प्रत्याशी भीमराव आंबेडकर को जिताने की जुगत में लगी सपा, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल की गणित बिगड़ सकता है. विपक्ष को अब तीन निर्दलीय विधायकों रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, विनोद सरोज और अमनमणि त्रिपाठी की मदद चाहिए होगी. इनमें से राजा भैया और विनोद सरोज के सपा का साथ देने की प्रबल संभावना है. मगर, इसके बावजूद विपक्ष के पास एक वोट की कमी रह जायेगी.
बहरहाल, सपा के विधान परिषद सदस्य आनंद भदौरिया ने बताया कि भले ही मुख्तार अंसारी और हरिओम यादव वोट नहीं डाल पायेंगे और सपा छोड़ कर भाजपा में जा चुके नरेश अग्रवाल के सपा विधायक पुत्र नितिन अग्रवाल भाजपा को वोट देंगे. लेकिन, इसके बावजूद हम बसपा प्रत्याशी को जिता लेने के प्रति आश्वस्त हैं. अपने इस भरोसे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर भाजपा अपना नौवां प्रत्याशी जिताने के लिए हाथ-पैर मार रही है, तो हम भी तो कुछ करेंगे.
इस बीच राज्यसभा चुनाव से ऐन पहले राजधानी में सियासी तापमान चरम पर पहुंच गया. सपा ने आज भी अपने विधायकों, सांसदों और वरिष्ठ नेताओं को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया. इसमें सपा संस्थापक मुलायम सिंह, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, मुख्य महासचिव रामगोपाल यादव, मुलायम के भाई विधायक शिवपाल सिंह यादव और आजम खां अर्से बाद एक साथ नजर आये. अखिलेश ने कहा कि यह आपके लिए अच्छी खबर है और हमारे लिए भी अच्छी खबर है. नतीजा हमारे इच्छा के मुताबिक ही होगा.
उधर, बसपा प्रमुख मायावती ने भी विधायकों के साथ बैठक की. इसमें शामिल विधायक मोहम्मद असलम ‘राइनी’ ने बताया कि बैठक में मुख्तार अंसारी को छोड़ कर पार्टी के बाकी सभी 18 विधायक शामिल हुए थे. बैठक में वोट देने का तरीका बताया गया. उन्होंने विश्वास जताया कि चुनाव में बसपा प्रत्याशी जरूर जीतेगा. मुख्यमंत्री आवास पर आज भी भाजपा विधायकों और मंत्रियों की बैठक हुई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में राज्यसभा चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति पर विचार-विमर्श किया.
इसके पूर्व, कांग्रेस ने भी राज्यसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी के तहत अपने विधायकों को दोपहर के भोजन पर बुलाया. कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी को समर्थन का पहले ही एलान कर चुकी है. उत्तर प्रदेश में राज्यसभा में एक उम्मीदवार को जिताने के लिए 37 विधायकों का समर्थन जरूरी है. प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सपा के पास 47 सदस्य हैं. उसके पास अपनी उम्मीदवार जया बच्चन को चुनाव जिताने के बाद भी तकनीकी रूप से 10 वोट बच जायेंगे. बसपा के पास अब 18 वोट हैं, जबकि कांग्रेस के पास सात और राष्ट्रीय लोकदल के पास एक वोट है.
बहरहाल, 324 विधायकों के संख्या बल के आधार पर आठ सीटें आराम से जीत सकनेवाली भाजपा ने 10 सीटों के लिए नौ प्रत्याशी उतारे हैं, जो विपक्ष के लिए चिंता का सबब है, क्योंकि अगर ‘क्रास वोटिंग‘ हुई, तो विपक्ष के लिए मुसीबत होगी. भाजपा के अपने आठ प्रत्याशी प्रत्याशियों को जिताने के बाद 28 वोट बच जायेंगे. यहीं पर वह अपने नौवें प्रत्याशी को जिताने की संभावनाएं नजर आ रही हैं. राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान 23 मार्च को होगा और परिणाम भी आज ही घोषित होंगे.