भाजपा की सांसद सावित्री बाई फुले अब बढ़ाएंगी पार्टी व मोदी सरकार की परेशानी,एक अप्रैल को रैली

लखनऊ : लोकसभा चुनाव के करीब आते-आते भारतीय जनता पार्टी के अंदर ही पार्टी के नेता अपने सवालों के साथ अधिक मुखर हो रहे हैं. उत्तरप्रदेश के बहराईच से भाजपा की सांसद सावित्री बाई फुले अब अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मुद्दे पर लखनऊ में एक अप्रैल को एक रैली करने जा रही हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2018 12:41 PM

लखनऊ : लोकसभा चुनाव के करीब आते-आते भारतीय जनता पार्टी के अंदर ही पार्टी के नेता अपने सवालों के साथ अधिक मुखर हो रहे हैं. उत्तरप्रदेश के बहराईच से भाजपा की सांसद सावित्री बाई फुले अब अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मुद्दे पर लखनऊ में एक अप्रैल को एक रैली करने जा रही हैं. उनकी रैली का विषय है भारत सरकार की दलित-आदिवासी विरोधी नीतियां. उन्होंने कहा है कि आरक्षण खत्म करने की साजिश चल चल रही है.मालूम हो कि बीते दिनों महाराष्ट्र में भाजपा के एक सांसद ने किसानों के मुद्दे पर सांसदी से इस्तीफा दे दिया था. वहीं, सुहेलदेव पार्टी के ओमप्रकाश राजभर ने भी फिर से सरकार से असंतोष जताया है. उन्होंने राज्यसभा चुनाव के समय नाराजगी जतायी थी, लेकिन फिर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हस्तक्षेप से चुनाव में पक्ष में वोट करने के लिए राजी हो गये थे.

सावित्री बाई फुले अपने इस अभियान में बसपा प्रमुख मायावती से जुड़ने को भी तैयार हैं. ध्यान रहे कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के तहत यह व्यवस्था दी थी कि अब इसके तहत दर्ज मुकदमों में तुरंत गिरफ्तारी नहीं हो सकेगी. इस मुद्दे पर न सिर्फ विपक्षी बल्कि सत्तापक्ष के कई सांसद भी चाहते हैं कि सरकार इस पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करे.

उधर, निजी सेक्टर में आरक्षण की मांग को लेकर भी दलित सांसदों में असंतोष है. अनुसूचित जाति आयोग का प्रतिनिधिमंडल आज मुकदमा संबंधी मामले व अन्य मांगों को लेकर राष्ट्रपतिरामनाथ कोविंद से मिलने वाला है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी समय की मांग की है. भाजपा के सहयोगी रामविलास पासवान ने भी पिछले दिनों दलित सांसदों की एक बैठक की थी.

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