पिछड़ों व दलितों के आरक्षण को लेकर सपा ने किया यूपी विधान परिषद में हंगामा
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधान परिषद में आज पिछड़ों तथा दलितों के आरक्षण के मुद्दे को लेकर सपा सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी. शून्य काल के दौरान सपा सदस्य राजपाल कश्यप ने यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि करीब 85% आबादी वाले अनुसूचित […]
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधान परिषद में आज पिछड़ों तथा दलितों के आरक्षण के मुद्दे को लेकर सपा सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी. शून्य काल के दौरान सपा सदस्य राजपाल कश्यप ने यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि करीब 85% आबादी वाले अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण प्राप्त है, मगर वर्तमान भाजपा सरकार उसे पूरी तरह से खत्म करने की साजिश रच रही है.
उन्होंने कहा कि 15% आबादी वाले लोग देश और प्रदेश में की संस्थाओं में 85% पदों पर कब्जा किए हुए हैं. आज हालात यह हैं कि नाममात्र का बचा हुआ अन्य पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों का आरक्षण केंद्र और राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार अदालतों में आरक्षण की ठीक तरह से पैरवी न करके समाप्त करा रही हैं. कश्यप ने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश में पिछड़ा वर्ग आयोग समेत पिछड़ों और दलितों की आवाज सुनने वाले आयोगों को गठित नहीं किया गया है.
सूचना की ग्राह्यता पर बल देते हुए सपा सदस्य सुनील सिंह साजन ने सरकार पर सामंती होने का आरोप लगाया. इस बीच, भाजपा सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने खड़े होकर कुछ कहना चाहा तो सपा सदस्य सदस्यों ने उनका कड़ा विरोध किया है. नेता सदन दिनेश शर्मा ने भी कुछ कहना चाहा मगर विपक्ष के शोर में उनकी आवाज नहीं सुनाई दी. सभापति रमेश यादव ने हंगामा कर रहे सपा सदस्यों से आग्रह किया कि वह सरकार का जवाब सुन लें.
इसके बाद सपा के सभी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन के बीचों-बीच आ गये. सभापति ने उन्हें अपने स्थान पर जाने को कहा लेकिन हंगामा थमते ना देख उन्होंने सदन की कार्यवाही पहले 20 मिनट के लिए स्थगित की, फिर स्थगन अवधि को और 10 मिनट के लिए बढ़ा दिया गया.