उत्तर प्रदेश में इस बार कुछ खास होगी आम्बेडकर जयंती, लोगों को लुभाने में लगी हैं पार्टियां

दलित वोट बैंक को लुभाने के लिए कोई कोरकसर नहीं छोड़ना चाहते हैं राजनैतिक दल योगी को मिगेगा दलित मित्र तो सपा भी आयोजित करेगी बड़े स्तर पर कार्यक्रम हरीश तिवारी@लखनऊ लोकसभा चुनाव की तैयारियों में राज्य के राजनैतिक दल जुट गये हैं. इन दलों की नजर सबसे बड़े वोट वैंक एससी और एसटी पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2018 8:30 PM

दलित वोट बैंक को लुभाने के लिए कोई कोरकसर नहीं छोड़ना चाहते हैं राजनैतिक दल

योगी को मिगेगा दलित मित्र तो सपा भी आयोजित करेगी बड़े स्तर पर कार्यक्रम

हरीश तिवारी@लखनऊ

लोकसभा चुनाव की तैयारियों में राज्य के राजनैतिक दल जुट गये हैं. इन दलों की नजर सबसे बड़े वोट वैंक एससी और एसटी पर है. लिहाजा दलितों को लुभाने के लिए राजनैतिक दल इस बार संविधान निर्माता बाबा भीमराव आम्बेडकर का जन्मदिन जोरशोर से मनाने की तैयारी में हैं. ताकि दलित वोट उनकी सत्ता की नैया को पार लगा सके.

आरक्षण और सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद दलित राजनीति तेजी से बदल रही है. इस बड़े वोट बैंक को हथियाने के लिए कोई भी राजनैतिक दल कोई कोरकसर नहीं छोड़ना चाहता है. लिहाजा पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि 14 अप्रैल को भारतरत्न बाबा साहब डा. भीमराव आंबेकर की जयंती राजनैतिक दल बड़े स्तर पर मनाने की तैयारी में है. दलितों का हितैषी साबित करने और विपक्षी को दलितों का दुश्मन बताने में पार्टियां कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगी.

भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने बाबा साहब की जयंती को अपने-अपने तरीके से मनाने की तैयारी शुरू कर दी है. हाल ही में प्रदेश की योगी सरकार ने बाबा साहब की फोटो सरकारी ऑफिस में लगाने के साथ ही उनके नाम के साथ उनके पिता का नाम राम जोड़ने का फैसला किया. इन फैसलों के जरिए भाजपा की कोशिश दलित वोट बैंक को यह मैसेज देने की थी कि वह दलितों की सबसे बड़ी हितैषी है.

योगी सरकार के इन फैसलों से खुश बोधिसत्व भारतरत्न बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर महासभा 14 अप्रैल को यहां अपने मुख्यालय परिसर में कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दलित मित्र से अलंकरण से नवाजेगी. भारतीय जनता पार्टी का अनुसूचित जाति मोर्चा जयंती की पूर्वसंध्या पर यात्रा निकालेगी और जयंती के दिन भव्य कार्यक्रम का आयोजन करेगी. इसके जरिए दलित वर्ग को यह बताया जायेगा कि केंद्र सरकार द्वारा दलितों को केंद्र में रखकर चलायी जा रही योजनाओं से घबराया विपक्ष खुद ही बाबा साहब के मिशन को बर्बाद कर रहे हैं.

वहीं राज्य का मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी भी इस बार बाबा साहब की जयंती बड़े स्तर पर मनायेगी. हाल ही में सपा और बसपा के बीच दूरियां कम हुई हैं और गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बसपा ने सपा को समर्थन दिया था. जिसके बाद सपा ने ये दोनों सीटें जीती थी. आमतौर पर पार्टी अभी तक आंबेडकर जयंती पर एक सामान्य आयोजन करती थी. लेकिन इस बार पार्टी कार्यालय का माहौल कुछ बदला बदला सा होगा. कार्यकर्ताओं को बाबा साहेब के कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जायेगी.

पार्टी के सभी जिला मुख्यालयों को निर्देशित किया गया है कि वे बाबा साहेब के जन्मोत्सव पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन करें और श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके कार्यों के बारे मे कार्यकर्ताओं और जनता को जानकारी दें. इसके साथ ही सपा डॉ आम्बेडकर पर बनी शॉर्ट फिल्म को हर जिले में दिखायेगी. इसके अलावा उनके जीवन पर बनी किताब वितरित करेगी. सपा इतने बड़े स्तर पर पहली बार कार्यक्रम कर रही है. समाजवादी पार्टी अनुसूचित जाति-जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सर्वेश आम्बेडकर के मुताबिक पार्टी बाबा साहब की जयंती पूरे जोश के साथ मनायेगी. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव स्वयं हजरतगंज स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के सभी कोआर्डिनेटरों को हर जिले में बाबा साहब की जयंती धूमधाम से मनाने के निर्देश दिये हैं. मायावती खुद हर साल गोमतीनगर स्थित परिवर्तन स्थल पर बाबा साहब की जयंती मनाने आती रही हैं. लिहाजा अगले साल लोकसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर पार्टी और ज्यादा बड़े स्तर पर बाबा साहब की जयंती मनायेगी. कांग्रेस भी इस मामले में पीछे नहीं है. वह भी बाबा साहब के जरिए दलितों को अपने पक्ष में लाने के लिए कोई कमी नहीं रहने देना चाहती है.

कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष भगवती प्रसाद चौधरी के मुताबिक प्रदेश के 14 मण्डलों में दलित सुरक्षा और संविधान बचाओ सम्मेलनों की शुरुआत 26 फरवरी से ही शुरू हो गयी थी और 14 अप्रैल को कानपुर में इसका समापन होगा. इसी दिन पार्टी बाबा साहब की जयंती हर जिले में धूमधाम से मनायी जायेगी.

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