नयी दिल्ली/लखनऊ : उत्तर प्रदेश मेंपिछलेकुछदिनोंमें कई दलित सांसदों नेप्रदेशकी योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखाहै.जिसमेंउन्होंनेयोगी सरकार के खिलाफअपनीनाराजगीजाहिरकी है. इसीमुद्देको गंभीरतासे लेते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल्ली ‘तलब’ किया.जिसके बाद शनिवार शाम योगी आदित्यनाथ पीएम मोदी से मिले. इस मुलाकात के बाद उत्तर प्रदेश में सरकार और पार्टी में बड़े फेरबदल की संभावना जतायी जा रही है.
आधिकारिक तौर पर इस मुलाकात काब्योरा जारी नहीं किया गया, लेकिन माना जा रहा है कि इस दौरान दलित सांसदों की नाराजगी पर विस्तार से चर्चा हुई.मीडियारिपोर्ट में सूत्रों केहवालेसे बतायाजा रहा है कि प्रधानमंत्री ने इस मामले में यूपी भाजपा से विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है. साथ ही योगी आदित्यनाथको दलित सांसदों की नाराजगी को जल्द दूर करने को हिदायत दी है. सूत्रों के मुताबिक बैठक में पीएम मोदी ने योगी से इस मसले को जल्द सुलझाने के लिए कहा है. बताया यह भी जा रहा है कि इस दौरान पीएम ने योगीआदित्यनाथ को निर्देश दिये हैं कि जरूरत पड़े तो नाराज सांसदों से अलग से बातचीत करें और उनकी समस्याओं को दूर करें.
वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रोंकेहवाले से बताया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ नेयूपी में अंबेडकर जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के विषय में चर्चा की. इसके अलावा 14 अप्रैल से 5 मई के बीच आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के बारे में भी सीएम योगी ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी.जानकारीके मुताबिक मुख्यमंत्रीयोगीआदित्यनाथ के अलावा राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की है. हालांकि केशव प्रसाद मौर्य के कार्यालय ने मुलाकात की पुष्टि नहीं की.
इन सांसदों ने योगी सरकार के खिलाफ खोला है मोर्चा
बीते दिनों इटावा सेभाजपा सांसद अशोक दोहरे, बहराइच सांसद सावित्रीबाई फुले, रॉबर्ट्सगंज सांसद छोटेलाल खरवार और नगीना से सांसद यशवंत सिंह दलितों के मसले परप्रदेश और केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कियाथा. पहले यूपी उपचुनाव में हार और उसके बाद एससी-एसटी ऐक्ट को लेकर दलित प्रदर्शन और अब अपनी ही पार्टी के दलित सांसदों की नाराजगी ने कहीं न कहींमोदी सरकार के लिए भी मुश्किलें खड़ी की हैं.
नहीं हो रहा है कोई भेदभाव नहीं : योगी
उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने दलितों के उत्पीड़न के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. भाजपा सांसद दोहरे ने अपने पत्र में लिखा था कि दलितों को उनके घरों से बाहर निकालकर पिटाई की जा रही है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पुलिस द्वारा किसी भी बेगुनाह को नहीं फंसाया जा रहा. उन्होंने दलित समाज और उसके जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज करने के आरोपों को भी खारिज कियाऔर कहा, कोई भेदभाव नहीं हो रहा है.