लखनऊ : देश के युवाओं को राष्ट्र के लिए अनमोल पूंजी बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि बिना युवा शक्ति की भागीदारी के न तो देश आगे बढ़ पायेगा और न ही विकास हो सकेगा. सिंह ने यहां इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग कॉलेज के सभागार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम में कहा कि उन्हें गर्व है कि वह परिषद से जुड़े रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम अपने नौजवानों को देश के विकास तक ही सीमित नहीं रखना चाहते हैं, बल्कि हम चाहते हैं कि देश के युवा राष्ट्र निर्माण में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं.
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सिंह ने कहा कि देश में आज 35 साल से कम आयुवर्ग के नौजवानों की संख्या 65 फीसदी है. कोई भी देश अपने नौजवानों को बोझ नहीं मानता, बल्कि युवा शक्ति को देश के विकास में सहायक मानता है. इससे देश को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि नौजवानों को देश के विकास में भागीदार बनाये बिना हम देश को उन ऊचांइयों पर नहीं ले जा सकते है, जिन ऊचांइयों पर हम ले जाना चाहते हैं. सिंह ने कहा कि मैं याद दिलाना चाहता हूं कि जब भारत को आजादी प्राप्त हुई, तो यहां के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर लगभग तीन से साढ़े तीन फीसदी थी.
उन्होंने कहा कि दुनिया के अर्थशास्त्री यह कहते थे कि भारत ऐसा देश है, जिसकी जीडीपी की दर में कोई बढोतरी नहीं हो सकती और यह तीन से साढे तीन फीसदी के आसपास ही रहेगी, लेकिन आजाद भारत के इतिहास में यह पहला अवसर था, जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने, तो वह देश की जीडीपी 8.4 फीसदी तक ले जाने में कामयाब हुए.
उन्होंने कहा कि देश के नौजवानों को केवल रोजगार तक ही सीमित नहीं रखना है, बल्कि हमें उनके अंदर की प्रतिभा को भी बाहर निकालना है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत आज विश्व गुरु के रूप में माना जाता है. हमारे युवाओं को चाहिए कि वे लोगों से विभिन्न मुद्दों पर मतभेद तो रखें, लेकिन उनसे मनभेद नहीं रखें. हमें दूसरों की बातों को सुनने का भी धैर्य रखना चाहिए.