अलीगढ़ : जिन्ना के फोटो पर बढ़ा बवाल, AMU में इंटरनेट सेवा बंद, आंच बीएचयू तक पहुंची
अलीगढ़/वाराणसी: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़मुसलिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर को लेकर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां शुक्रवार को मामला बढ़ता देख जिला प्रशासन ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कैंपस (एएमयू) की सारी इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. वहीं, मामले को लेकर वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के गेट पर […]
अलीगढ़/वाराणसी: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़मुसलिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर को लेकर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां शुक्रवार को मामला बढ़ता देख जिला प्रशासन ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कैंपस (एएमयू) की सारी इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. वहीं, मामले को लेकर वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के गेट पर आज प्रदर्शन किया गया.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में फिलहाल 5 मई तक बंद करने के आदेश जारी किये गये हैं. लाठीचार्ज के विरोध और हिंदू संगठनों पर कार्रवाई की मांग को लेकर एएमयू स्टूडेंट यूनियन ने कक्षाओं का बहिष्कार किया है. शुक्रवार को इसका असर दिखा और यूनिवर्सिटी में कक्षाएं नहीं चल सकीं.
उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ प्रशासन से घटना पर रिपोर्ट मांगी है.
यहां आपको बताते चलें कि एएमयू में छात्रसंघ हॉल में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर टंगी है. इस तस्वीर को लेकर यहां से सांसद सतीश गौतम ने एएमयू वीसी को पत्र लिखकरतसवीर हटाने की मांग की थीजिसके बाद यहां विवाद शुरू हो गया. जहां एक पक्ष जिन्ना की तस्वीर हटाए जाने की मांग को लेकर अड़ा हुआ है. वहीं, एएमयू छात्रसंघ ने तस्वीर न हटाने की घोषणा की है. मामले को लेकर एएमयू कैंपस में लगातार तनाव जारी है. गुरुवार को कैंपस में छात्रों के बीच बवाल भी देखने को मिला था.
इधर, भाजपा के चर्चित विधायक सुरेंद्र सिंह ने एएमयू में पाकिस्तान के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगे होने को ‘हिन्दुत्व’ के कमजोर होने का नतीजा करार दिया है. सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत के क्रम में कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर लगाये जाने और मांग के बावजूद उसे नहीं हटाना कमजोर हिंदुत्व का नतीजा है और इसके साथ ही यह भी कहा कि इस विश्वविद्यालय में हिंदुओ का वर्चस्व नहीं है, इसलिए वहां अभी तक जिन्ना की तस्वीर लगी हुई है. उन्होंने कहा कि राजनैतिक दुर्बलता के कारण पाक परस्त ताकतों के विरुद्ध समुचित कार्रवाई नही हो पा रही है. जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां पाकिस्तान की हिमायत करने वाली शक्तियां कमजोर हो रही हैं.