सपा-बसपा के बीच भ्रष्टाचार का ‘पैक्ट”, नहीं मिलेगी कोई रियायत : योगी सरकार

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने सपा और बसपा के बीच ‘भ्रष्टाचार का पैक्ट‘ होने और कांग्रेस तथा राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) पर इसकी अनदेखी का आरोप लगाते हुए आज कहा कि सीबीआई प्रदेश की पूर्ववर्ती मायावती सरकार के कार्यकाल में 21 चीनी मिलें औने-पौने दाम पर बेचे जाने की जांच में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2018 5:41 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने सपा और बसपा के बीच ‘भ्रष्टाचार का पैक्ट‘ होने और कांग्रेस तथा राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) पर इसकी अनदेखी का आरोप लगाते हुए आज कहा कि सीबीआई प्रदेश की पूर्ववर्ती मायावती सरकार के कार्यकाल में 21 चीनी मिलें औने-पौने दाम पर बेचे जाने की जांच में सच सामने लाकर इस ‘कॉकटेल‘ को खत्म करेगी.

श्रीकांत शर्मा ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2007 से 2012 के शुरु तक सत्तारूढ़ रही मायावती सरकार ने प्रदेश की 21 चीनी मिलों को कौड़ियों के दाम बेच दिया. इनमें कई चलती हुई मिलें भी शामिल थीं. यह किसानों और प्रदेश की बाकी जनता के साथ धोखा था. उसके बाद सत्ता में आयी सपा की अखिलेश सरकार ने भी इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि दरअसल भ्रष्टाचार को लेकर सपा और बसपा के बीच ‘पैक्ट‘ था. कांग्रेस और रालोद भी उनके भ्रष्टाचार के मूकदर्शक बने रहे. चाहे चीनी मिलें बेचने का मामला हो या फिर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में भ्रष्टाचार का विषय हो, अखिलेश सरकार ने सारे मामले दबा दिये. उस वक्त कांग्रेस भी केंद्र में सपा और बसपा का समर्थन लेती रही. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश सत्ता में आते ही चीनी मिलें बेचे जाने की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. अब सीबीआई मामले की जांच करके बेइमानी के इस ‘कॉकटेल‘ को समाप्त करेगी. सरकार भ्रष्टाचार के प्रति कोई भी रियायत नहीं देगी. बेइमानों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित होगी.

लोकसभा चुनाव के लिये विपक्षी दलों की एकजुटता की कोशिशों के बीच चीनी मिलों के मामले को लेकर सीबीआई के अचानक सक्रिय होने के बारे में पूछे जाने पर सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान इन चीनी मिलों को बेचे जाने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था और उसने सत्ता में आते ही मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इसके पीछे कोई राजनीतिक निहितार्थ नहीं देखे जाने चाहिए.

श्रीकांत शर्मा ने उच्चतम न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को कार्यकाल की समाप्ति के बावजूद सरकारी आवास में बने रहने की अनुमति देने वाले कानूनी संशोधन को रद्द करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन करेगी. मालूम हो कि न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास में रहने की इजाजत देने वाले कानूनी संशोधन के फैसले को आज निरस्त कर दिया.

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