लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान शुरू हुआ समाजवादी पार्टी (सपा) का पारिवारिक झगड़ा लगभग खत्म हो चुका है. शिवपाल सिंह एक बार फिर पार्टी के सर्वोच्च नेता मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हो गये हैं. बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव भी चाचा शिवपाल को पार्टी में बड़ी भूमिका देने के लिए तैयार हो गये हैं. सूत्रों की मानें, तो शिवपाल पार्टी के महासचिव बन सकते हैं.
जसवंत नगर से पार्टी के विधायक शिवपाल यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय अखिलेश के कांग्रेस के साथ गठबंधन के फैसले का सार्वजनिक तौर पर विरोध किया था. मुलायम सिंह ने शिवपाल का साथ दिया. इसके शिवपाल पार्टी से दरकिनार कर दिये गये और उन्हें सभी पदों से हटा दिया गया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसपी के एक वरिष्ठ नेता नेकहाहै कि शिवपाल को पार्टी में कोई बड़ा पद मिलना लगभग तय हो गया है. इसके लिए अक्तूबर,2017 से ही बातचीत चल रही है, जब अखिलेश फिर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गये थे. इसके बाद शिवपाल यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव के बीच दिल्ली में पिछले महीने हुई बातचीत ने इसे और गति दे दी.
मुलाकात से पहले अखिलेश ने चाचा शिवपाल यादव की तारीफ की थी और कहा था कि चाचा ने राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में पाला नहीं बदला.उन्होंने पार्टी के लिए ही वोट किया. कुछ लोग कह रहे थे कि वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)को वोट करेंगे,लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. वे समाजवादी पार्टी में ही रहेंगे.
शिवपाल यादव ने पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार की बजाय रामनाथ कोविंद के पक्ष में वोट किया था. यही कारण था कि लोग कयास लगा रहे थे कि राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में भी वह बागी की भूमिका निभायेंगे. लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया.