लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर पुलिस की मदद सूबे में भय का माहौल पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब भाजपा के लोग तय करते हैं कि किसे इंसाफ मिलेगा और किसे नहीं. अखिलेश ने यहां संवाददाता सम्मेलन में पिछले महीने मेरठ में गो तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किये गये नरेंद्र गुर्जर नामक व्यक्ति की हिरासत में मौत का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन हद से बाहर जाकर अन्याय कर रहा है. भाजपा पुलिस के माध्यम से पूरे उत्तर प्रदेश के भय का माहौल बना रही है. भाजपा के लोग तय करते हैं कि किसे इंसाफ मिलना है और किसे नहीं.
पूर्व सीएम ने कहा कि राज्य सरकार दावा करती है कि पुलिस-अपराधी मुठभेड़ से सूबे की कानून-व्यवस्था बेहतर होगी लेकिन ताबड़तोड़ अपराध हो रहे हैं. मुठभेड़ की वारदात पर केवल सपा और विपक्ष ही नहीं बल्कि मानवाधिकार आयोग भी बार-बार सवाल उठा रहा है. किसी अन्य सरकार को आयोग से मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में उतनी नोटिस नहीं मिलीं, जितनी योगी सरकार को मिल रही है. सपा अध्यक्ष ने गत 21 अप्रैल को गो तस्करी के इल्जाम में गिरफ्तारी के बाद हिरासत में मरे नरेंद्र गुर्जर के परिजन को 50 लाख रुपये की सहायता और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की.
अखिलेश यादव ने सीतापुर में खूंखार कुत्तों का शिकार बने बच्चों के परिजन को भी 10-10 लाख रुपये की मदद की मांग की. सपा अध्यक्ष ने कहा कि कैराना लोकसभा उपचुनाव आते ही भाजपा नेताओं ने कहना शुरू कर दिया है कि अगर यहां दूसरे दल का प्रत्याशी चुनाव जीत गया तो पाकिस्तान में जश्न मनाया जायेगा. भाजपा वाले यह बताये कि चुपचाप खीर खाने पाकिस्तान कौन गया था? चुनाव होने जा रहा है तो समाज को हिंदू और मुसलमान में बांटने की कोशिश हो रही है ताकि बुनियादी मुद्दों से जनता का ध्यान हट जाये.
चीनी मिल बिक्री प्रकरण में बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ सीबीआई जांच के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि चुनाव करीब आ रहा है. जो थोड़ी दोस्ती होने लगी है, इस वजह से भी बहुत सी चीजें होने लगी हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लखनऊ में शाम-ए-अवध बनवा रहे थे, मगर उस हजारों करोड़ की चीज को कुछ करोड़ में बेच दिया. उससे कीमती कोई जगह हो सकती है क्या. हम चाहते हैं कि उसकी सीबीआई जांच हो, लेकिन क्या मेरी बात मानी जायेगी?
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए बवाल पर अखिलेश ने आरोप लगाया कि एएमयू में सरकार ने माहौल बिगाड़ा है. पुलिस अगर चाहती तो वहां कोई बवाल नहीं हो पाता. पुलिस ने बवाल करने वालों के बजाय एएमयू के छात्रों पर लाठीचार्ज किया.