।। हरीश तिवारी ।।
लखनऊ के मशहूर आर्किटेक्ट और बिल्डर संजय सेठ ने अखिलेश यादव और उनके परिवार के मनमुताबिक और ऐशो आराम की सारी चीजें बनवाई थीं. यही वजह थी सामान शिफ्ट करते समय नियमों को दरकिनार कर पहली मंजिल पर बने जिम को तोड़ दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विक्रमादित्य मार्ग स्थित सरकारी बंगला छोड़ दिया है. शुक्रवार को उनके पिता सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपना बंगला छोड़ा था. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए दो जून की मोहलत दी थी.
अखिलेश तीन दिन के लिए विक्रमादित्य मार्ग स्थित वीवीआईपी गेस्ट हाउस पर रहेंगे उसके बाद शहीद पथ पर स्थित अंसल गोल्फ सिटी शिफ्ट हो जाएंगे. यहीं पर उनके पिता भी दूसरे बंगले में चले जाएंगे. इस बीच अखिलेश के विक्रमादित्य मार्ग स्थित प्लाट पर निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है, जिसको बनने में करीब एक साल से ज्यादा का वक्त लगेगा.
अब सवाल ये उठता है कि इन बंगलों पर जो खर्च किया गया है. उसका हिसाब कौन देगा. अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने विक्रमादित्य मार्ग स्थित इस बंगले को रिवोवेट किया था और इसमें दो बार में करीब 42 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. इस खर्च को राज्य संपत्ति विभाग की तरफ से भुगतान किया गया था. लेकिन पैसा तो जनता की कमाई के थे.
इस बंगले में विदेशी टाइल्स, जिम और विदेशी पौधों को सरकारी खर्च पर लगाया गया था. वहीं अखिलेश के पिता मुलायम के बंगले पर भी करोड़ो रुपये खर्च किए गए थे. वहीं अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी और बसपा सुप्रीमो मायावती ने 13ए मॉल एवेन्यू स्थित सरकारी बंगले को नहीं छोड़ा है.
ऐसा माना जा रहा है कि मायावती रविवार तक इस बंगले को खाली करेंगी. जबकि एनडी तिवारी की तबियत खराब है. जिसके कारण उन्हें बंगले को खाली करने में समय लग सकता है. लेकिन इसके लिए राज्य संपत्ति विभाग को सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेगी होगी.