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कानपुर के अस्पताल में एसी खराब होने से पांच मरीजों की मौत, प्रशासन का इनकार

कानपुर : कानपुर के लाला लाजपत राय अस्पताल के सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में पिछले दो दिनों के दौरान कथित रूप से वातानुकूलन संयंत्र (एसी) खराब होने के कारण पांच बुजुर्ग मरीजों की मौत हो गयी. अस्पताल प्रशासन ने एसी खराब होने के कारण ये मौतें होने के आरोप से इनकार किया है. गोरखपुर मेडिकल […]

कानपुर : कानपुर के लाला लाजपत राय अस्पताल के सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में पिछले दो दिनों के दौरान कथित रूप से वातानुकूलन संयंत्र (एसी) खराब होने के कारण पांच बुजुर्ग मरीजों की मौत हो गयी. अस्पताल प्रशासन ने एसी खराब होने के कारण ये मौतें होने के आरोप से इनकार किया है.

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में पिछले साल कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौत की घटना की याद ताजा कराते इस मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों का आरोप है कि आईसीयू में पिछले कई दिनों से एसी खराब है जिसकी वजह से उनके रोगियों की मौत हो गयी. हालांकि, अस्पताल का संचालन करनेवाले गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य का दावा है कि उन मरीजों की मौत एसी खराब होने की वजह से नहीं, बल्कि गंभीर बीमारी के कारण हुई है. हालांकि, प्रधानाचार्य प्रोफेसर नवनीत कुमार ने माना कि गुरुवार को एसी में खराबी आयी थी. उसे ठीक भी कर दिया गया था, मगर वह फिर खराब हो गया था. एसी खराब होने की वजह से मरीजों की मौत होने के आरोप बिल्कुल गलत हैं. उन्होंने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. एसी संयंत्र में आयी खराबी को जल्द से जल्द ठीक करने को कहा गया है.

अस्पताल के आईसीयू में पिछले दो दिन के दौरान नरवाल (75), गंगा प्रसाद यादव (75), रसूल बख्श (62), मुरारी लाल (65) तथा एक अज्ञात मरीज की मौत हो गयी. हालांकि, यह पता नहीं लग सका है कि उनकी मृत्यु दरअसल किस कारण हुई. आईसीयू के प्रभारी सौरव अग्रवाल ने माना कि एसी में कुछ दिक्कत थी और औषधि विभाग के आईसीयू का एसी संयंत्र पिछले दो दिन से बंद था. अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, बिजली विभाग के अधिकारियों और एसी के रखरखाव के लिए जिम्मेदार एजेंसी को इस बारे में बताया गया था, जिसके बाद खराबी को ठीक कर लिया गया था. मगर संयंत्र का कंप्रेसर गुरुवारको फिर जल गया था. उन्होंने कहा कि एसी खराब होने से आईसीयू में गर्मी हो गयी थी, मगर वेंटीलेटर और माॅनीटर्स जैसे जीवनरक्षक उपकरणों पर कोई असर नहीं पड़ा था.

इस बीच, इस घटना में अपना मरीज गंवानेवाले एक तीमारदार ने बताया कि अस्पताल में स्टाफकर्मियों ने आईसीयू के खिड़की और दरवाजे खोलकर मरीजों को राहत दिलाने की कोशिश की, लेकिन जबर्दस्त गर्मी और उमस के कारण सारे प्रयास बेकार साबित हुए. मरीजों को गर्मी से बचाने के लिए तीमारदारों को हाथ के पंखे का इस्तेमाल करना पड़ा. आईसीयू में पांच मौतें हो जाने की सूचना मिलने पर आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. इस वाकये से पिछले साल अगस्त में गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से 24 घंटों के अंदर 30 से ज्यादा मरीज बच्चों की मौत के मामले की याद ताजा हो गयी. उस घटना में आरोप लगे थे कि बिल का भुगतान ना होने के कारण आपूर्तिकर्ता द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित किये जाने के कारण उन बच्चों की मौत हुई थी. हालांकि, राज्य सरकार ने इस आरोप को गलत बताया था.

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