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चाचा शिवपाल ने फिर दिया अखिलेश को झटका, समर्थकों के साथ मिलकर बनाया सेक्युलर मोर्चा !

।। हरीश तिवारी ।। लखनऊ : समाजवादी पार्टी में अरसे से हाशिये पर चल रहे शिवपाल सिंह यादव ने अपना सियासी दांव चल दिया है. रविवार को शिवपाल के समर्थकों ने लखनऊ में शिवपाल यादव सेक्युलर मोर्चा का गठन कर समाजवादी पार्टी को सीधे तौर पर चुनौती दी है. हालांकि शिवपाल इस मोर्चा में अभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2018 9:06 PM

।। हरीश तिवारी ।।

लखनऊ : समाजवादी पार्टी में अरसे से हाशिये पर चल रहे शिवपाल सिंह यादव ने अपना सियासी दांव चल दिया है. रविवार को शिवपाल के समर्थकों ने लखनऊ में शिवपाल यादव सेक्युलर मोर्चा का गठन कर समाजवादी पार्टी को सीधे तौर पर चुनौती दी है.
हालांकि शिवपाल इस मोर्चा में अभी सीधी तौर पर शामिल नहीं हुए हैं. लेकिन इस मोर्चे में सभी लोग शिवपाल के करीबी हैं. हालांकि शिवपाल का दावा कि उनकी इस मोर्चे में किसी भी तरह की भूमिका नहीं है.

राजधानी लखनऊ में रविवार को समाजवादी पार्टी के पुराने बागियों ने शिवपाल यादव सेक्युलर मोर्चे का गठन कर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. कभी समाजवादी पार्टी का हिस्सा रहे और शिवपाल के करीबी फरहत खान ने सेक्यूलर मोर्चे के गठन का एलान किया है.

फरहत कभी सपा में अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष हुआ करते थे. हालांकि उन्होंने दावा किया है कि शिवपाल की सहमति से ही मोर्चे के गठन हुआ है और जल्द ही वह इसमें शामिल हो सकते हैं.

फरहत के मुताबिक जिस तरह से हर पार्टी मुस्लिम समुदाय को नजर अंदाज कर रही है, तो मुस्लिम समुदाय को भी अपनी बात रखने के लिए एक प्लेटफार्म चाहिए. इसलिए उन्होंने इस मोर्चे का गठन किया है. इस मोर्चे का नाम उन्होंने शिवपाल यादव सेक्युलर मोर्चा दिया है. हालांकि शिवपाल यादव की तरफ से इस तरह की किसी भी पहल पर इंकार किया है.

करीबी डेढ़ साल पहले समाजवादी पार्टी में हुए घमासान के बाद शिवपाल सिंह यादव हाशिये पर चल रहे हैं. इस दौरान शिवपाल ने सपा से अलग एक सेक्युलर मोर्चा बनाने का ऐलान किया था. शिवपाल की रणनीति के मुताबिक इस मोर्चे को बाद में एक राजनैतिक दल के तौर पर स्थापित किया जाना था और इसका संरक्षक मुलायम सिंह को बनाया था.

लेकिन मुलायम सिंह द्वारा इस पर अपने पैर पीछे खींच लेने के बाद इस मोर्चे का गठन नहीं हो पाया. शिवपाल की नाराजगी के कारण विधानसभा चुनाव में सपा को इटावा, मैनपुरी के इलाके में जबरदस्त नुकसान हुआ था. हालांकि इसी बीच उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से अपने संबंध सुधारने की कोशिश की और अखिलेश और शिवपाल सार्वजनिक मंचों पर एक साथ दिखे.

उस वक्त यह कयास लगाए जाने लगे कि सपा में शिवपाल को सम्मानजनक पद मिल सकता है. लेकिन अरसा बीत जाने के बाद भी यह सिर्फ कयास ही रहे. अभी समाजवादी पार्टी में शिवपाल की हैसियत एक विधायक की है और अखिलेश से आज भी उनके संबंध कुछ खास नहीं है.

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