कांग्रेस के साथ गठबंधन पर होगा जोर, कांग्रेस बसपा के साथ गठबंधन के पक्ष में
लखनऊ: मध्यप्रदेश विधानसभा के होने वाले चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब इस राज्य पर फोकस किया है. सपा मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-बसपा के बीच गठबंधन की चर्चा के बीच अखिलेश यादव जुलाई में एक बार फिर इस पड़ोसी राज्य का दौरा करेंगे. इससे पहले वह मई में वहां जा चुके हैं. फिलहाल इस बारे में सपा की कांग्रेस के नेताओं से बातचीत का दौर शुरू हो गया है.
असल में सपा अध्यक्ष पहले ही कह चुके हैं कि उनकी पार्टी मप्र में विधानसभा चुनाव लड़ेगी. कोई सहयोगी दल मिलेगा, तो समझौता भी करेंगे. इस दौरान कांग्रेस और बसपा में विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ गठबंधन की चर्चा चल रही है लेकिन उसमें फिलहाल सपा को शामिल नहीं किया गया है. सपा अन्य प्रदेशों में भी संगठन का विस्तार करने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. इससे सपा को राष्ट्रीय पहचान मिलने में देर नहीं होगी. फिलहाल मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है. पिछले साल सपा बिहार, गुजरात के अलावा कर्नाटक तथा उत्तराखंड में भी मैदान में उतरी थी. हालांकि उसे कोई सफलता नहीं मिली. इसके साथ ही सपा छत्तीसगढ़ और झारखंड में भी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारेगी वहीं दक्षिण भारत से लेकर सुदूर अंडमान निकोबार द्वीप समूह तथा लेह तक विस्तार की योजना है. सपा की दक्षिण भारत में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में पार्टी की शाखाएं हैं. महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात में भी पार्टी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है.
सपा का यूपी में बसपा के साथ गठबंधन की योजना है. इसमें बसपा ज्यादा सीटें चाहती हैं. जबकि इस गठबंधन में सपा को कम सीट मिलेगी, लेकिन कांग्रेस भी इस मोर्चे के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है. लिहाजा कांग्रेस को सपा के कोटे से ही सीटें मिल सकती हैं. सूत्रों के मुताबिक सपा ने जो फार्मूला तैयार किया है, उसके मुताबिक कांग्रेस को यूपी में सीटें दी जाएगी जबकि कांग्रेस सपा को मध्यप्रदेश में सीटों में हिस्सेदारी देगी. फिलहाल दोनों दलों के नेताओं के बीच शुरुआती दौर में बातचीत हो रही है.