राजभर और शिवपाल की बैठक, कहीं नये गठजोड़ के संकेत तो नहीं?

-हरीश तिवारी- लखनऊ : योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की सपा नेता शिवपाल यादव के साथ हुई अनौपचारिक बैठक ने सत्ता के गलियारे में हलचल मचा दी है. अपने बयानों से मुख्यमंत्री योगी को कठघरे में खड़ा करने वाले राजभर क्या आने वाले समय में किसी गठबंधन का हिस्सा बनने की तैयारी में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2018 4:56 PM

-हरीश तिवारी-

लखनऊ : योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की सपा नेता शिवपाल यादव के साथ हुई अनौपचारिक बैठक ने सत्ता के गलियारे में हलचल मचा दी है. अपने बयानों से मुख्यमंत्री योगी को कठघरे में खड़ा करने वाले राजभर क्या आने वाले समय में किसी गठबंधन का हिस्सा बनने की तैयारी में हैं या फिर योगी सरकार से बाहर जाने की सोच रहे हैं? यह सवाल लोगों के मन में उठ रहा है हालांकि फिलहाल उन्होंने ऐसा कोई संकेत तो नहीं दिया है, लेकिन इसके राजनैतिक मायने निकाले जाने शुरू हो गये हैं.

यूपी में बीजेपी सरकार की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और सपा नेता शिवपाल यादव ने शुक्रवार को वाराणसी में बंद कमरे में मुलाकात की. इस मुलाकात को लेकर सियासी हलचल बढ़ गई है. हालांकि दोनों नेताओं ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया है. शिवपाल यादव वाराणसी पहुंच सर्किट हाउस में ठहरे थे और इसी दौरान ओमप्रकाश राजभर भी सर्किट हाउस पहुंचे. जहां दोनों के बीच बंद कमरे में दस मिनट तक गुफ्तगू हुई. दोनों नेता बाहर निकले तो चेहरे पर मुस्कुराहट थी. जाते वक्त शिवपाल ने राजभर से गर्मजोशी से हाथ मिलाकर कहा, फिर मुलाकात होगी.

सपा और सुभासपा नेताओं की मुलाकात की खबर शहर में तेजी से फैलने से चर्चाओं का बाजार गरम रहा. इस बैठक के बाद बनारस से लेकर इस बैठक के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. कयास लगाया जा रहा है कि बीजेपी को 2019 के चुनाव में पटखनी देने के लिए बनने वाले महागठबंधन में या तो सुभासपा को शामिल करने की तैयारी है या फिर पार्टी में दबदबा कम होने के चलते शिवपाल दूसरी पार्टी जॉइन कर सकते हैं. अखिलेश पहले की कह चुके हैं कि छोटे दलों को भाजपा को हराने के लिए एक साथ आना होगा. इसके लिए उन्होंने गोरखपुर में निषाद पार्टी और पीस पार्टी से गठबंधन किया.

कल ही ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश के बंगला प्रकरण में उनका साथ देते हुए कहा कि चाहे कोई भी नेता हो. बंगला खाली करते समय तोड़फोड़ व सामान उखाड़ कर ले जाने की हरकत नहीं करेगा. उन्होंने अखिलेश यादव का बचाव करते हुए उन्हें क्लीन चिट दे दी. उन्होंने महागठबंधन में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अखिलेश या मायावती उन्हें चाय पिलाने के लिए बुलाते हैं तो इसमें गलत क्या है. राजभर कई बार योगी सरकार को कठघरे में खड़ा कर चुके हैं. पिछले दिनों योगी सरकार से जब वह नाराज चल रहे थे तब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें दिल्ली बुलाकर नाराजगी दूर की थी.

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