जुलाई में अमित शाह का उत्तरप्रदेश दौरा
पिछड़ों-दलितों का सरकार-संगठन में बढ़ सकता है प्रतिनिधित्व
लखनऊ : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से लगभग डेढ़ घंटे लंबी मुलाकात की. भागवत से मुलाकात के बाद लखनऊ लौटने पर उन्होंने विश्व संवाद केंद्र के कार्यालय में संघ के सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय हसबोले के साथ भेंट की. योगी ने दोनों जगह अपनी सरकार के कामकाज सेसंघनेतृत्व को अवगत कराया. यह बैठकें ऐसे समय में हुई हैं जब भाजपा को लोकसभा की तीन सीटिंग सीटों गोरखपुर, फूलपुर व कैराना में उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. सूत्रोंं के अनुसार, इन मुलाकातों में योगी आदित्यनाथ ने खुद के नेतृत्व के लिए आरएसएस का भरोसा हासिल कर लिया, लेकिन इसके एवज में योगी को कुछ अहम बदलाव करने होंगे.
इन शर्तों के तहत आने वाले दिनों में योगी आदित्यनाथ को अपने कैबिनेट से कुछ मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाना होगा और जातीय संतुलन का ध्यान रखते हुए कुछ नये चेहरों को कैबिनेट में शामिल करना होगा. कैबिनेट से परफॉर्म नहीं करने वाले चेहरों को बाहर करना लगभग तय है. लखनऊ में संघ नेताओं के साथ योगी की मुलाकात के दौरान यूपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल व दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व दिनेश शर्मा मौजूद थे. वहीं, दिल्ली में भागवत से मुलाकात के समय आरएसएस के सर कार्यवाह भैया जी जोशी उपस्थित थे. सूत्रों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ ने दोनों जगह अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड दिया और भावी एजेंडों पर चर्चा की.
संभावना है कि आने वाले दिनों में उत्तरप्रदेश में संगठन में पिछड़ी जाति के किसी अहम नेता को जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है. इसकी संभावना 2019 के आम चुनाव में सपा-बसपा के गठजोड़ की संभावना को देखते हुए मजबूत है. कैबिनेट में पिछड़े व दलित चेहरों को अधिक प्रभावी रूप में जगह दी जा सकती है. योगी कैबिनेट में अभी 47 मंत्री हैं और 13 मंत्रियों को और शामिल किया जा सकता है.
2019 का लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही लड़ेगी. संभावना मजबूत है कि कई मौजूदा लोकसभा सांसदों का टिकट अगले चुनाव में काट दिया जाये और नये चेहरों को जगह दी जाए. जुलाई के पहले सप्ताह में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह उत्तरप्रदेश के दौरे पर आने वाले हैं. उनके दौरे से पहले संगठन की हलचलें तेज हाे गयी हैं. उधर, केंद्रीय नेतृत्व आने वाले दिनों में उत्तरप्रदेश के लिए नये प्रभारी महासचिव की नियुक्ति कर सकती है. मौजूदा प्रभारी ओम माथुर ने हाई कमान से जिम्मेवारी छोड़ने की मंशा जतायी है.
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