लखनऊ : समाजवादी पार्टी के लिए खुशखबरी है, क्योंकि अब सपा संरक्षक और सांसद मुलायम सिंह यादव आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करेंगे. मुलायम सिंह के प्रचार में उतरने से सपा को फायदा होगा, लेकिन सपा और बसपा के संभावित गठबंधन को देखते हुए मुलायम का सपा के पक्ष में प्रचार करने में बसपा खेमा नाराज भी सकता है. लिहाजा, पार्टी फिलहाल इस पर खुलकर नहीं बोल रही है. अगले साल मई तक लोकसभा चुनाव होने हैं.
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हालांकि, कुछ राजनीतिक दलों का मानना है कि लोकसभा चुनाव 2018 के अंत तक हो सकते हैं. लिहाजा, इन राजनैतिक दलों ने अभी से तैयारियां कर दी हैं. प्रदेश में मुख्य विपक्ष दल सपा ने भी इन चुनावों के लिए तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं. लिहाजा, अब सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार की कमान संभालेंगे.
मुलायम चुनाव के मद्देनजर प्रदेश के हर मंडल मुख्यालय पर सपा की एक रैली करेंगे. इस रैली में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के भी मौजूद रहने की बात कही जा रही है. मुलायम चुनाव प्रचार में उतरते हैं, तो यह सपा और खासकर अखिलेश यादव के लिए खासी राहत देने वाली बात होगी, क्योंकि विधानसभा चुनाव में मुलायम ने इटावा में अपने अनुज शिवपाल सिंह यादव के पक्ष में जसवंतनगर विधानसभा को छोड़ अन्य किसी भी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार नहीं किया था. इसका खामियाजा सपा को भुगतना पड़ा था और सपा की हार के कारणों में मुलायम के प्रचार नहीं करने को भी एक वजह माना गया.
हालांकि, उस वक्त यादव परिवार में सियासी जंग तेज थी. अब लोकसभा चुनाव दस्तक दे रहा है. ऐसे में, मुलायम ने पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए मंडलीय रैलियां करने का फैसला लिया है. असल में, खुद मुलायम ने दो दिन पहले ही लोहिया ट्रस्ट में अपने निकटस्थ नेताओं के बीच चुनावी रैली करने का खुलासा किया. उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव के लिए मैं प्रदेश के हर मण्डल में एक रैली करूंगा.
हालांकि, यह सब अखिलेश के फैसले पर निर्भर करेगा. मुलायम ने पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार किया था. हालांकि, चुनाव के नतीजे ज्यादा बेहतर नहीं आये और सपा सिर्फ पांच सीटें ही जीत सकी थी, जिनमें दो खुद मुलायम (आजमगढ़ और मैनपुरी), डिंपल यादव (कन्नौज), धर्मेंद्र यादव (बदायूं), अक्षय यादव (फिरोजाबाद) ही जीते थे.
हालांकि, बाद में मैनपुरी में उपचुनाव में यह सीट सपा जीतने में कामयाब रही. बीते महीनों में हुए लोकसभा की तीन में से दो गोरखपुर और फूलपुर सीटें सपा जीत गयी है. इससे सपा में उत्साह है. मुलायम की इन रैलियों को लेकर सपा नेतृत्व अपने स्तर से तैयारियों में लगा है. हालांकि, प्रचार करने को लेकर सपा में कोई भी खुलकर बोलने के तैयार नहीं है, क्योंकि मुलायम और मायावती के रिश्ते काफी खराब है. लिहाजा, सपा इसके लिए फूंक फूंक कर कदम रखना चाहती है, क्योंकि अगर गठबंधन में असर हुआ, तो इससे सपा को ज्यादा नुकसान होगा.