UPSRTC की वेबसाइट हैक कर लाखों रुपये का बेच दिया E-Ticket, चार हैकर्स चढ़े STF के हत्थे

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने राज्य सड़क परिवहन निगम की वेबसाइट हैक करके भुगतान किये बगैर ई-टिकट बनाकर लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के सूत्रों ने शनिवार को यहां बताया कि एसटीएफ ने दो नाबालिग समेत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2018 6:41 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने राज्य सड़क परिवहन निगम की वेबसाइट हैक करके भुगतान किये बगैर ई-टिकट बनाकर लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के सूत्रों ने शनिवार को यहां बताया कि एसटीएफ ने दो नाबालिग समेत कानपुर निवासी अमित कुमार और मुदित शर्मा को शनिवार को लखनऊ के वजीरगंज इलाके में गिरफ्तार किया. इन अभियुक्तों पर परिवहन विभाग की वेबसाइट को हैक कर बिना भुगतान किये ई-टिकट बनाकर विभाग को लाखों रूपये की क्षति पहुँचाने का आरोप है.

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उन्होंने बताया कि परिवहन निगम प्रशासन ने एसटीएफ के महानिरीक्षक अमिताभ यश से विभाग की वेबसाइट से बुक कराये गये टिकटों के एवज में अपेक्षित धनराशि नहीं मिलने की शिकायत की थी. मामले की जांच में पता लगा कि इस हरकत में शामिल गिरोह के सदस्यों ने व्हाट्सऐप और फेसबुक के जरिये हजारों लोगों से संपर्क बनाया है. एसटीएफ ने गहन पड़ताल के बाद गिरोह के सरगना अमित कुमार भारती की पहचान की. भारती और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों से गहन पूछताछ की गयी. शक यकीन में बदलने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

सूत्रों के मुताबिक, अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया है कि वे एक सिक्योरिटी टेस्टिंग सॉफ्टवेयर की मदद से परिवहन निगम के ऑनलाइन भुगतान प्रणाली की कमियों का फायदा उठाते हुए ई-टिकट बनाते थे. उन्होंने बताया कि इस दौरान वे निगम के भुगतान पुष्टि डेटा से छेड़छाड़ करते थे, जिससे निगम की वेबसाइट पर भुगतान सफलतापूर्वक संपन्न होने का संदेश तो आता था, लेकिन निगम को पैसा नहीं मिल पाता था. गिरोह के सदस्य व्हाट्सऐप और फेसबुक पर बने ग्रुप्स की मदद से उन ई-टिकटों को सस्ते दामों का लालच देकर बेच देते थे.

पूछताछ से यह भी पता चला कि इस तरह हैकिंग के माध्यम से बिना पैसे दिये टिकट बुक कराने वाले लोग कई प्रांतों की राजधानियों में सक्रिय हैं. बहरहाल, गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्यवाही की जा रही है.

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