बसपा ने आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए संविधान संशोधन की मांग की

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने एससी/एसटी अत्याचार निवारण कानून को मूल रूप में बहाल किए जाने को लेकर संशोधन विधेयक के लोकसभा से पारित होने का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि यह जल्द ही राज्यसभा से भी पारित हो जाएगा. हालांकि उन्होंने संशोधन विधेयक में देरी को लेकर केंद्र सरकार पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2018 4:21 PM

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने एससी/एसटी अत्याचार निवारण कानून को मूल रूप में बहाल किए जाने को लेकर संशोधन विधेयक के लोकसभा से पारित होने का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि यह जल्द ही राज्यसभा से भी पारित हो जाएगा. हालांकि उन्होंने संशोधन विधेयक में देरी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा .

मायावती ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में अपने राजनीतिक और चुनावी स्वार्थ को ध्यान में रखकर ही यह संशोधन विधेयक लाया गया. उन्होंने कहा कि विधेयक में देरी से इन वर्गों को जो क्षति हुई है उसकी भरपाई करना बहुत मुश्किल है, हालांकि तब भी हमारी पार्टी इसका स्वागत करती है.

मायावती ने कहा कि वह इसका पूरा श्रेय बसपा समर्थकों समेत देश के तमाम् एससी/एसटी वर्गों के लोगों को देती हैं जिन्होंने इस कानून के पूर्व स्वरूप को बहाल कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार पर दबाव बनाया. इसके लिए 2 अप्रैल 2018 को भारत बन्द अभियान में सक्रिय रहे. आंदोलन के बाद भाजपा सरकारों के अन्याय-अत्याचार का शिकार बने. इनमें कई लोगों को तो जान भी गंवानी पड़ी.

जबकि अनेक लोग अभी भी फर्जी आरोपों में जेलों में कैद हैं.
मायावती ने सवर्ण, मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यंकों को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने की वकालत करते हुए सरकार से इस सबंध में संविधान संशोधन विधेयक लाने की मांग की. साथ ही दोहराया कि अगर सरकार ऐसा करती है तो बसपा उसका समर्थन करेगी. बसपा सुप्रीमो ने केंद्र सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिये जाने का स्वागत किया.
साथ ही कहा कि यह प्रयास केवल कोरा कागजी, दिखावटी व चुनावी स्वार्थ भरा नहीं होना चाहिये बल्कि इन वर्गों को संवैधानिक व कानूनी हक भी पूरी ईमानदारी से मिलने चाहिए. उन्होंने आरक्षण को लेकर वर्तमान और पूर्व केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा. मायावती ने कहा कि भाजपा की वर्तमान व पूर्ववर्ती केंद्र सरकारों की आरक्षण-विरोधी नीयत व नीति के कारण ही इन वर्गों को अपूर्णीय क्षति हूई है, जिसकी भरपाई किसी भी प्रकार से हो पाना संभव नहीं है.

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