लखनऊ : समाजवादी पार्टी ने कानून व्यवस्था, देवरिया कांड, गन्ना मूल्य बकाया, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर योगी सरकार को घेरने की रणनीति बनायी है. सपा विधायक दोनों ही सदनों में सरकार के खिलाफ आक्रमक रुख अख्तियार कर कार्यवाही को बाधित करेंगे. सपा अपनी रणनीति के तहत सभी विपक्षी दलों के साथ सरकार की नीतियों का विरोध करेगी.
असल में सदन में सरकार को घेरने का फैसला सपा मुख्यालय में पार्टी विधानमण्डल दल के अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में विधायकों की हुई बैठक में किया गया. यादव ने पार्टी विधायकों को निर्देश दिया कि वे दोनों सदनों में सभी जनसमस्याओं को पूरे दमखम से उठायें. ताकि जनता को इस बात का अहसास हो कि सपा ही उनके मुद्दों को बेहतर तरीके से उठा सकती है.
दल के नेता व सपा अध्यक्ष यादव ने बैठक में कहा कि योगी सरकार की नीतियों के साथ ही महिला और बच्चियों के साथ रोज बढ़ रहे बलात्कार की घटनाओं, मेरठ में छात्रा को जला देने व देवरिया शेल्टर होम काण्ड से साफ है कि यहां कानून व्यवस्था राज्य में पूरी तरीके से ध्वस्त हो चुकी है. उन्होंने विधायकों को दोनों ही सदनों में गन्ना किसानों का 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया भुगतान नहीं होने, बाढ़ की विभीषिका, बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, प्रदेश के ठप हो चुके विकास, सपा सरकार द्वारा शुरू की गयी योजनाओं को रोक देने आदि मुद्दों को उठाने का निर्देश दिया है.
इसके साथ ही सपा अध्यक्ष ने पार्टी के सभी विधायकों को प्रदेश के विभिन्न जिलों में आयी बाढ़ से पीड़ितों की सहायता करने का भी निर्देश दिया है. सपा ने सरकार को घेरने के लिए अलग रणनीति तैयार की है. सपा सभी विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार को घेरेगी. सपा का कहना है कि सरकार की नीतियां जन विरोधी हैं और विपक्ष को दबाने के लिए सरकार कोई कोरकसर नहीं छोड़ रही है. सपा नेताओं का कहना है कि जब से राज्य में भाजपा की सरकार बनी है तब से सपा नेताओं और विपक्षी नेताओं पर हमले हो रहे हैं और उन्हें पुलिस प्रशासन की मदद से डराया जा रहा है.