।। हरीश तिवारी ।।
लिहाजा वह सेकुलर मोर्चा बनाकर सपा से नाराज लोगों को एक मंच पर लाएंगे. शिवपाल लोकसभा की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. फिलहाल अब वह अपने समर्थकों को एकजुट करने के लिए पश्चिमी यूपी के दौरे पर हैं.
जहां उनकी सभाओं में समर्थकों की अच्छी खासी भीड़ देखी जा रही है. शिवपाल को जमीन से जुड़ा हुआ नेता माना जाता है. बहरहाल सपा में उपेक्षित चल रहे कई नेता उनके संपर्क में आ रहे हैं. माना जा रहा है कि सपा की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होने के बाद जगह न मिलने वाले तमाम नेता शिवपाल की ओर रुख करेंगे.
आजकल लोहिया ट्रस्ट में शिवपाल समर्थकों का जमावड़ा बढ़ने लगा है. भले ही सपा दावा करे कि शिवपाल के जाने से पार्टी को नुकसान नहीं होगा. लेकिन शिवपाल द्वारा अलग राह पकड़ लेने के बाद सपा में बेचैनी है.
मुलायम सिंह यादव चाहते हैं कि शिवपाल बढ़े कदम वापस खींच लें. लेकिन अखिलेश अभी इस मुद्दे पर कुछ खुल कर नहीं बोल रहे, लेकिन देर सबेर उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी पड़ सकती है. ताकि पार्टी के भीतर एक मैसेज दिया जा सके.
अब शिवपाल ने सपा को घेरने के लिए एक नया दांव फेंका है. उन्होंने सोशल मीडिया में अपनी पहचान बदल दी है. अब सोशल मीडिया में भी खुद समाजवादी सेकुलर मोर्चा का नेता बताया है. अपने ट्वीटर और फ़ेसबुक अकाउंट से शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी का नाम हटा दिया है. पहले के ट्विटर एकाउंट पर वरिष्ठ नेता समाजवादी पार्टी लिखा होता था. अब समाजवादी सेकुलर मोर्चा के नेता के तौर पर उनका परिचय दर्ज हो गया है.