लखनऊ : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ को देश के गरीब परिवारों के लिए संकटमोचक योजना करार देते हुए रविवार को कहा कि उनका मानना है कि यह योजना गरीबों के लिए ‘मोदी कवच’ साबित होगी.
सिंह ने इस योजना के शुभारंभ के मौके पर आयोजित समारोह में कहा कि आज भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. आयुष्मान योजना से देश के उन गरीबों को बहुत लाभ मिलेगा जिनके परिवार के किसी एक सदस्य के भी बीमार हो जाने पर उनका बजट बिगड़ जाता है. उन्होंने कहा कि यह योजना गरीब परिवारों के लिए संकटमोचक योजना है.
अब गरीब और कमजोर लोगों को इलाज के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं होगी. गृह मंत्री ने कहा कि सरकार केंद्र सरकार दो मोर्चों पर यानी स्वास्थ्य और स्वास्थ्य संरक्षण पर एक साथ काम कर रही है और आयुष्मान योजना ‘मोदी कवर’ नहीं बल्कि ‘मोदी कवच’ साबित होगी. इस योजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे.
इसे भी पढ़ें…
RANCHI : न्यू इंडिया स्वस्थ हो, सशक्त हो, आयुष्मान हो, बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए नेशनल डिजिटल हेल्थ अथॉरिटी भी गठित करने का फैसला किया है. गृह मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने संकल्प लिया है कि देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद का ढाई प्रतिशत हिस्सा स्वास्थ्य के क्षेत्र पर खर्च किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने इस मौके पर कहा कि आयुष्मान भारत योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है और इसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय का विचार भी शामिल है. उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि यह योजना गरीबों और पीड़ितों के लिए वरदान साबित होगी.
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 18 लाख परिवारों के करीब छह करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेशभर में 665 अस्पताल सूचीबद्ध किए गए हैं.
योजना के तहत 1350 बीमारियों का इलाज किया जाएगा और अस्पतालों में मरीजों की मदद के लिए 1400 आयुष मित्रों की नियुक्ति की गई है. प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद पांडे ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश को 4 क्लस्टरों में बांटा गया है. इसके लिए एक नोडल मॉनिटरिंग एजेंसी बनाई गई है और हर अस्पताल में लाभार्थियों की सहायता के लिए आयुष मित्र नियुक्त किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी तरह के पंजीयन की जरूरत नहीं होगी. आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड या मोबाइल नंबर से भी लाभार्थियों की पहचान की जा सकेगी.