लखनऊ : गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी से गोमती नगर में हुई घटना के संबंध में बात की. जहां एक पुलिस कॉन्स्टेबल ने विवेक तिवारी नाम के शख्स को गोली मार दी थी. सीएम ने आश्वासन दिया कि इस घटना की जांच जारी है.
गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में चेकिंग के दौरान वाहन नहीं रोकने के मामले में एक सिपाही ने ऐपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मारकर कथित रूप से हत्या कर दी. अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनन्द कुमार ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रथम दृष्ट्या यह हत्या का मामला है. इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी. मामले की गवाह सना खान को पर्याप्त सुरक्षा दी जा रही है.
* पीड़ित परिवार ने सीबीआई जांच और एक करोड़ मुआवजे की मांग की
पीड़ित परिवार ने मामले की सीबीआई से जांच की मांग की है. वारदात में मारे गये तिवारी की पत्नी कल्पना ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. साथ ही पुलिस विभाग में नौकरी देने और परिवार का भविष्य सुरक्षित करने के लिये एक करोड़ रुपये के मुआवजे की भी मांग की है.
* योगी ने सीबीआई जांच का दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वारदात को गम्भीरता से लेते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो मामले की सीबीआई जांच भी करायी जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में इस घटना के बारे में संवाददाताओं से कहा कि लखनऊ की घटना कोई मुठभेड़ की वारदात नहीं है. हम इसकी पूरी जांच कराएंगे. प्रथम दृष्ट्या दोषी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. आवश्यकता पड़ेगी तो हम सीबीआई को भी इसकी जांच सौंपेंगे.
* जांच के लिए एसआईटी का गठन
पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने मामले की जांच के लिये लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक सुजीत पांडे की अगुवाई में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है. पुलिस अधीक्षक (अपराध) और पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) को इसका सदस्य बनाया गया है. साथ ही जिलाधिकारी से इसकी मजिस्टीरियल जांच के आदेश देने का आग्रह किया गया है.
* घटना के बारे में क्या बताया पुलिस अधीक्षक ने
लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने यहां बताया कि सना खान नामक महिला ने आज सुबह मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि शुक्रवार/शनिवार की रात करीब दो बजे वह अपने सहकर्मी विवेक तिवारी (38) के साथ कार से घर जा रही थीं.
रास्ते में गोमतीनगर विस्तार इलाके में उनकी गाड़ी खड़ी थी. तभी सामने से दो पुलिसकर्मी आये तो तिवारी ने गाड़ी आगे बढ़ाने की कोशिश की. सना के मुताबिक पुलिसकर्मियों ने कार को रोकने की कोशिश की और गोली चलायी, जो तिवारी को लगी। इसके कारण बेकाबू हुई कार अंडरपास की दीवार से जा टकरायी.तिवारी को सिर में चोट आयी और काफी खून बहने लगा. उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां थोड़ी देर बाद उसकी मृत्यु हो गयी. तिवारी एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करता था.
* योगी के मंत्री का विवादित बयान
प्रदेश सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह ने वाराणसी में इस घटना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि योगी सरकार के शासन में मुठभेड़ में कोई गलती नहीं हो रही है. गोली उसी को लगी है जो वास्तव में अपराधी है. जो सपा के सरकार में गुंडाराज था माफिया राज था, पुलिस उसी का ‘इंतजाम’ कर रही हैं. बाकी सब ठीकठाक है, अपराधी पर कोई समझौता नहीं है. इस सवाल पर कि क्या लखनऊ में पुलिस की गोली से मारा गया विवेक तिवारी भी अपराधी था, मंत्री ने इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया.
* प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है जब कार मौके पर खड़ी थी, तो कुछ संदिग्ध गतिविधि महसूस होने पर पुलिस ने पूछताछ की कोशिश की. इस पर कार अचानक आगे बढ़ी और पुलिस की मोटरसाइकिल से टकरा गयी.गाड़ी फिर जब पीछे होने के बाद फिर आगे बढ़ रही थी तो कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने गोली मारी, जो विंडशील्ड से होती हुई तिवारी को लग गयी. उन्होंने बताया कि कांस्टेबल चौधरी और उसके साथी पुलिसकर्मी संदीप के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके उन्हें हिरासत में ले लिया गया है. उनसे पूछताछ जारी है.
* आरोपी कांस्टेबल ने क्या बताया
वारदात के बाद अस्पताल में भर्ती हुए गोली चलाने वाले कांस्टेबल प्रशांत ने बताया कि उसे गश्त के दौरान एक संदिग्ध गाड़ी दिखी, जब वह उसके पास गया तो गाड़ी अचानक स्टार्ट हो गयी और आगे खड़ी हमारी गाड़ी को दो-तीन बार टक्कर मारी. रोकने की तमाम कोशिशों के बावजूद गाड़ी नहीं रुकी और मुझ पर चढ़ गयी. इस पर मैंने आत्मरक्षा में गोली चला दी.