हिंदीभाषी राज्यों के विधानसभा चुनाव में केशव मौर्या को OBC के बड़े नेता के तौर पर पेश करेगी भाजपा

-हरीश तिवारी- लखनऊ : भाजपा मध्य प्रदेश समेत तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में उपमुख्यमंत्री और पूर्व भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या को बड़े ओबीसी नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करेगी. इसके लिए पार्टी ने तैयारियों शुरू कर दी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि मौर्या सीएम योगी से ज्यादा चुनावी रैलियां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2018 5:05 PM


-हरीश तिवारी-

लखनऊ : भाजपा मध्य प्रदेश समेत तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में उपमुख्यमंत्री और पूर्व भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या को बड़े ओबीसी नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करेगी. इसके लिए पार्टी ने तैयारियों शुरू कर दी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि मौर्या सीएम योगी से ज्यादा चुनावी रैलियां इन तीन राज्यों में करेंगे और ओबीसी वोट बैंक को पार्टी से जोड़ेगे. जबकि दिनेश शर्मा राजस्थान में चुनाव प्रचार करेंगे.

पिछले साल उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या के नेतृत्व में ही लड़े गए थे और भाजपा को इस चुनाव में करीब 15 साल के बाद जीत मिली थी. भाजपा ने राज्य में दो सहयोगी अपना दल और सुभासपा से गठबंधन कर 325 सीटें जीती थीं. जबकि समाजवादी पार्टी महज 47 सीटों में ही सिमट गयी थी. हालांकि बाद में केशव प्रसाद मौर्या की जगह पार्टी के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की कमान सौंपी गयी थी. पहले ऐसा माना जा रहा था कि केशव प्रसाद मौर्या राज्य के मुख्यमंत्री होंगे. हालांकि बाद में उन्हें राज्य में उपमुख्यमंत्री का पद देकर उनकी नाराजगी कम करने की कोशिश की गयी थी. मौर्या राज्य में भाजपा के सबसे बड़े ओबीसी नेता के तौर पर स्थापित हो चुके हैं. हाल ही में यूपी में विभिन्न जातियों को पार्टी से जोड़ने के लिए आयोजित किए गए कार्यक्रमों की जिम्मेदारी भी मौर्या को ही दी गयी थी.

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राज्य में सबसे ज्यादा ओबीसी मतदाताओं की संख्या है और विधानसभा चुनाव के दौरान ओबीसी के बड़े तबके ने भाजपा की तरफ रूख किया. यूपी में करीब 44 फीसदी वोटबैंक ओबीसी का है, इसमें करीब 9 फीसदी यादव वोटबैंक सपा का परंपरागत वोटबैंक माना जाता है. हालांकि कुछ वोट भाजपा और अन्य दलों की तरफ भी जाता है. लेकिन यादवों को छोड़कर ओबीसी वोटबैंक किसी भी पार्टी का परंपरागत वोट नहीं है. लिहाजा विधानसभा चुनाव में मौर्या को राज्य में सपा सरकार को हटाने की जिम्मेदारी दी गयी थी. मौर्या इसमें सफल भी हुए. अब देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने में इसमें से तीन राज्य हिंदी भाषी हैं और इनमें ओबीसी की संख्या काफी है. खासतौर से मध्य प्रदेश में ओबीसी वोटबैंक यूपी से ज्यादा है. मध्य प्रदेश में करीब 54 फीसदी मतदाता ओबीसी का है जबकि 15.5 फीसदी एससी और 21 फीसदी एसटी का वोटबैंक है. शिवराज सिंह चौहान भी पिछड़ी जाति से आते हैं.

लिहाजा शिवराज को समर्थन के लिए पार्टी मौर्या को वहां पर बड़े नेता के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही है. मौर्या वहां जाकर यूपी सरकार द्वारा प्रदेश में ओबीसी के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों को जनता को बताएंगे. यूपी से जुड़े हुए मध्य प्रदेश के जिले काफी हैं और इन जिलों में भाजपा का परचम लहराने के लिए पार्टी आलाकमान केशव प्रसाद मौर्या को मध्य प्रदेश में ओबीसी मतदाताओं के बीच पैठ बनाने के लिए इस्तेमाल करने जा रही है.

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हाल ही में मौर्या के पिता जी का निधन हुआ है और तेरहवीं के बाद पार्टी तीन राज्यों में उनके कार्यक्रमों को फाइनल करेगी. पार्टी के सूत्रों का कहना है कि योगी समेत कई नेताओं की वहां पर रैलियां आयोजित की जाएंगी लेकिन केशव प्रसाद मौर्या की सबसे ज्यादा रैलियां मध्य प्रदेश में आयोजित की जाएंगी. इसके साथ ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पार्टी उन्हें चुनाव प्रचार समिति में शामिल करेगी. हालांकि इन दोनों राज्यों में ज्यादा वोटबैंक नहीं है फिर भी निचले तबके के वोटबैंक को अपनी तरफ लाने के लिए केशव अहम भूमिका निभा सकते हैं.

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