लखनऊ/अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बार फिर हलचल तेज हो गयी है. शिवसेना के करीब 1500 कार्यकर्ता अयोध्या पहुंचे हैं. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे भी शनिवार को करीब 2 बजे अयोध्या पहुंचे. ठाकरे शाम को यहां पूजा करेंगे और साधु-संतों से मुलाकात करेंगे. पार्टी ने ‘पहले मंदिर, फिर सरकार’ का नारा दिया है. उद्धव ठाकरे के सह-परिवार करीब दो बजे फैजाबाद एयरपोर्ट पहुंचें. यदि आपको याद हो तो उन्होंने पिछले दिनों अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए शिवाजी स्मारक से मिट्टी उठायी थी.
अखिलेश के बयान को मिला योगी के मंत्री का साथ
राम मंदिर के निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद यानी विहिप और शिवसेना के मुहिम तेज करने के बीच सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या में सेना भेजने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मामले पर कार्रवाई करे और हालात काबू में करने के लिए सेना बुलाये. अखिलेश की इस मांग को सीएम योगी के मंत्री का समर्थन मिला है. यूपी के मंत्री ओपी राजभर ने कहा है कि मैं अखिलेश के बयान का स्वागत करता हूं. अयोध्या में धारा-144 लगायी जानी चाहिए. अभी भी प्रशासन लोगों को यहां एकत्रित होने दे रहा है. इसका मतलब यह है कि प्रशसन यहां विफल हो चुका है. यहां सेना को बुलाये जाने की जरूरत है.
विहिप की धर्मसभा में दो लाख से ज्यादा साधु-संतों के आने की उम्मीद
वहीं, रविवार को विहिप की धर्मसभा में दो लाख से ज्यादा साधु-संतों के आने की उम्मीद है. राजनीतिक बयानबाजी ने माहौल को और तल्ख कर दिया है. वहां फिर से 1992 जैसे हालात बनने के आसार हैं. हालंकि प्रशासन ने कहा है कि डरने की कोई बात नहीं. स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल के साथ करीब एक दर्जन वरिष्ठ आइपीएस अफसरों की तैनाती की गयी है. उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव में सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने व सेना की तैनाती करने की गुहार लगायी है. उधर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत अयोध्या में धर्मसभा को लेकर चल रही तैयारियों के बीच शुक्रवार को लखनऊ पहुंचे. उन्होंने विश्व हिंदू परिषद, भाजपा व आरएसएस के लोगों से कुछ देर विमर्श किया. इस बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी शनिवार को अयोध्या में रहेंगे. उन्होंने कहा कि उनके साथ महाराष्ट्र और देश के दूसरे हिस्सों से भी बड़ी संख्या में शिवसैनिक शनिवार को अयोध्या आ रहे हैं. पार्टी के मुख्सपत्र ‘सामना’ में उन्होंने लिखा है कि हमारे अयोध्या जाने की घोषणा करते ही खुद को हिंदुत्ववादी कहलाने वालों के पेट में मरोड़ क्यों उठने लगी? शिवसेना महाराष्ट्र तथा देशभर से अयोध्या पहुंच रही है, तो वह राजनीति करने के लिए नहीं. राम के नाम पर वोटों का कटोरा लेकर दर-दर घूमें तथा चुनाव का मौसम आते ही सभा-सम्मेलन से जय श्रीराम के नारें दें, ऐसी जुमलेबाजी हमारे खून में नहीं. हमारी धमनियों में शिवाजी महाराज के हिंदुत्व का रक्त है.
मुरली मनोहर जोशी और साध्वी प्राची की मांग
वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी और साध्वी प्राची ने भी मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है. खबर यह भी है कि मंदिर निर्माण को लेकर जुटने वाले समर्थकों के भोजन आदि के लिए महीनों से अनाज का बड़े पैमाने पर संग्रह किया जा रहा है. आरएसएस और विहिप के कार्यकर्ता धर्म सभा में हिस्सा लेने के लिए विशेष बसों से बुलाये गये हैं. उनके रहने की व्यवस्था में स्थानीय लोगों को लगाया गया है.
अखिलेश ने लगायी सेना तैनाती की गुहार, डीमए बोले- हालात सामान्य
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अयोध्या में सेना तैनात करने की मांग करते हुए कहा है कि भाजपा को न सुप्रीम कोर्ट पर यकीन है, न ही संविधान पर. इसलिए सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेकर अयोध्या में सेना भेजनी चाहिए. वहीं, अयोध्या जिलाधिकारी अनिल कुमार ने कहा है कि स्थिति पूरी तरह सामान्य है.
बनायी जा रहीं मूर्तियां, बाहर से आये शिल्पी दे रहे आकार
बताया जा रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए मूर्तियों का निर्माण भी तेजी हो रहा है. हालांकि इस संबंध जानकारी साझा नहीं की जा रही है. यह काम रामघाट क्षेत्र में टीन के एक शेड में चल रहा है. ये मूर्तियां 67.77 एकड़ के संपूर्ण अधिगृहीत परिसर की परिधि में लगायी जानी हैं. मूर्तियां दशरथ के पुत्रेष्टि यज्ञ, रामजन्म से लेकर माता सीता के धरती में समाहित होने तथा राम की जलसमाधि से लेकर उनके स्वधाम गमन तक के प्रसंगों पर आधारित हैं. ऐसे सौ प्रसंगों पर मूर्तियां बनायी जानी हैं. प्रत्येक प्रसंग में औसतन छह मूर्तियों और अन्य छवियों का निर्माण होना है.
1992 का इतिहास दोहराया जायेगा
भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने संविधान को ताक पर रखकर 26 साल पुराने इतिहास को दोहराने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को अयोध्या में जरूरत पड़ी, तो 1992 का इतिहास दोहराया जायेगा. जिस तरह 1992 में बाबरी मस्जिद ढहायी गयी थी, आवश्यकता पड़ी, तो वैसे ही राम मंदिर बनायेंगे़ उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री रहते हुए अगर राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ, तो फिर मंदिर का निर्माण कभी नहीं होगा. हमें विश्वास है कि हमारा संकल्प पूरा होगा़
ड्रोन कैमरे भी निगरानी के लिए तैनात
अयोध्या में विहिप की धर्मसभा के तहत राज्य पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं.शुक्रवार को लखनऊ में पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अयोध्या में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए एक अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी, एक उप पुलिस महानिरीक्षक, तीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, 10 अपर पुलिस अधीक्षक, 21 क्षेत्राधिकारी, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबल, पीएसी की 42 कंपनियां और आरएएफ की पांच कंपनियां तैनात की गयी हैं. एटीएस के कमांडो और ड्रोन कैमरे भी निगरानी के लिए तैनात किये गये हैं.