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धर्मसभा: 11 दिसंबर के बाद राम मंदिर पर होगा बड़ा फैसला, बोली वीएचपी- हमें चाहिए पूरी जमीन

अयोध्या : विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चम्पत राय ने रविवार को कहा कि उन्हें मंदिर के लिये जमीन के बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है और उन्हें पूरी की पूरी भूमि चाहिये. राय ने वीएचपी द्वारा यहां आयोजित ‘धर्म सभा‘ में कहा कि ‘‘हमें बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है. हमें (जमीन […]

अयोध्या : विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चम्पत राय ने रविवार को कहा कि उन्हें मंदिर के लिये जमीन के बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है और उन्हें पूरी की पूरी भूमि चाहिये. राय ने वीएचपी द्वारा यहां आयोजित ‘धर्म सभा‘ में कहा कि ‘‘हमें बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है. हमें (जमीन का) टुकड़ा नहीं चाहिये। राम मंदिर के लिये पूरी की पूरी भूमि चाहिये.‘‘

उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हर हिन्दू का सपना है और यह हर हाल में बनकर रहेगा. हालांकि राय ने बंटवारे के किसी फार्मूले का खुलासा नहीं किया. इस बीच, अयोध्या विवाद के प्रमुख पक्षकार सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जुफ़र फारूकी ने राय के बयान और फार्मूले के जिक्र के बारे में पूछे जाने पर बताया कि उनकी जानकारी में मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई फार्मूला नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि जहां तक मीडिया में मुस्लिम पक्ष द्वारा विवादित स्थल की एक तिहाई जमीन को छोड़कर बाकी भूमि देने का वादा किये जाने की बात कही जा रही है, तो यह बताना जरूरी है कि हमने ऐसा कोई वादा नहीं किया.

फारूकी ने कहा कि हिन्दू पक्ष कभी बातचीत की मेज पर आया ही नहीं. पक्षकार चाहें तो बातचीत से इनकार नहीं है. बातचीत से हमने इनकार तो नहीं किया. मुद्दा यही है कि बात किससे की जाए. उन्होंने कहा कि अगर बातचीत होनी है तो उसमें केंद्र सरकार को मध्यस्थता करनी चाहिये, या फिर सिर्फ पक्षकार ही बैठकर बात करें, इधर-उधर के लोग नहीं. मालूम हो कि सितम्बर 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में अपना निर्णय सुनाते हुए विवादित स्थल की एक तिहाई जमीन मुस्लिम पक्ष और बाकी जमीन दो अन्य पक्षकारों को देने का आदेश दिया था. इस निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी थी, जहां यह मामला अभी लम्बित है.

टीवी रिपोर्ट के अनुसार धर्म सभा में स्वामी राम भद्रचार्य ने कहा कि 11 दिसंबर के बाद मंदिर पर बड़ा फैसला होगा. आचार संहिता की वजह से फैसला नहीं हो रहा है. फैसले से मंदिर बनकर ही रहेगा. एक बड़े मंत्री ने मुझे भरोसा दिया है.

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