बुलंदशहर : बुलंदशहर में हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए पुलिस ने मंगलवार को चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और वह बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की तलाश में जुटी हुई है. इस हिंसा में एक पुलिस निरीक्षक और एक राहगीर की मौत हो गयी थी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना और हिंसा की साजिश रची जाने की चर्चा के बीच आक्रोशित परिवारों ने कार्रवाई की मांग की है. बुलंदशहर जिले के स्याना इलाके में दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं समेत करीब 400 लोगों की भीड़ ने सोमवार को पुलिस के साथ मारपीट की. पास के जंगल में गायों के कंकाल बिखरे पड़े होने की जानकारी मिलने से दक्षिणपंथी समूहों के कार्यकर्ताओं के आक्रोशित होने के बाद स्पष्ट तौर पर यह हिंसा भड़की. गुस्सायी भीड़ ने इस दौरान पुलिस पर पथराव करते हुए पुलिस के कई वाहनों में आग लगा दी और जवाबी कार्रवाई करने पर उन पर गोलियां भी चलायीं. इस हिंसा में स्याना के थाना प्रभारी सुबोध कुमार सिंह और 20 वर्षीय युवक सुमित कुमार की मौत हो गयी थी. मंगलवार को सामने आये एक वीडियो में एक व्यक्ति अपने पेट के पास खून निकल रहे घाव पर हाथ रखे हुए नजर आ रहा है जिसकी मदद भीड़ के भाग जाने के बाद दूसरे लोग करते दिख रहे हैं. वीडियो में किसी व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा रहा है कि शख्स को गोली लगी है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह शख्स सुमित कुमार है.
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है. पुलिस ने मंगलवार को कहा कि चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन मुख्य आरोपी बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज फरार है. उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में 27 लोगों को नामजद किया गया है, जबकि 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किये गये हैं. अधिकारियों ने बताया कि 27 में से कम से चार व्यक्ति बजरंग दल जैसे दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी हैं. इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. गुस्साये परिवार अपने-अपने रिश्तेदार के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि इस मामले पर पुलिस की छह टीमें काम कर रही हैं और वीडियो फुटेज की जांच कर आरोपियों की पहचान की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने लखनऊ में कहा, संघर्ष ग्रस्त बुलंदशहर में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं. कुमार ने बताया कि सिंह और सुमित दोनों की मौत गोली लगने के कारण ही हुई, लेकिन स्याना पुलिस थाने में तैनात निरीक्षक को धारदार वस्तुओं से भी चोट पहुंची थी. एक तरफ पुलिस की जांच जारी है, वहीं अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे परिवारों में शोक का माहौल व्याप्त है. सिंह के शव को तिरंगे में लपेट कर बंदूक की सलामी दी गयी. इसके बाद उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए बुलंदशहर से उनके गृह जनपद एटा ले जाया गया. मारे गये इंस्पेक्टर के पुत्र अभिषेक ने कहा कि उसके पिता उसे एक अच्छा नागरिक बनाना चाहते थे जो समाज में धर्म के नाम पर हिंसा को बढ़ावा न दे. उसने कहा, मेरे पिता ने हिंदू-मुस्लिम विवाद के चलते अपनी जान गंवा दी. अब किसके पिता की बारी है? अभिषेक ने कहा कि आखिरी बार जब उसने अपने पिता से बात की थी तो उन्होंने उससे पूछा था कि क्या उसने खाना खा लिया, और पढ़ाई की या नहीं?
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की बहन सुनीता सिंह ने उनके लिए शहीद का दर्जा देने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उनके भाई की हत्या पुलिस के षडयंत्र से हुई है. सिंह उन पुलिसकर्मियों में से एक थे जिन्होंने 2015 में मोहम्मद अखलाक की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किये जाने की शुरुआती जांच की थी. सुनीता सिंह ने संवाददाताओं से कहा, मेरे भाई की हत्या पुलिस षडयंत्र के तहत की गयी क्योंकि वह गोहत्या के एक मामले की जांच कर रहे थे. उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए और हमारे गृह जनपद में उनके नाम पर एक स्मारक बनाया जाना चाहिए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोलते हुए भावुक सुनीता सिंह ने कहा गाय हमारी माता है, मैं इसको स्वीकार करती हूं. मेरे भाई ने उसके लिए अपनी जान दी. मुख्यमंत्री गाय गाय रटते रहते हैं, आखिर वह गोरक्षा के लिए क्यों नहीं आते हैं?
चिंगरावठी गांव में सुमित कुमार के परिवार ने सरकार से 50 लाख रुपये मुआवजा, मात-पिता को पेंशन और मृतक के भाई को पुलिस में नौकरी का आश्वासन देने तक उसका (मृतक का) अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया है. मृतक सुमित कुमार के पिता अमरजीत ने हिंसा में मारे गये इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के समान ही अपने बेटे का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से किये जाने की भी मांग की है. हालांकि, जिला प्रशासन ने सुमित के परिजनों को पांच लाख मुआवजा देने की बात कही है. बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह और स्थानीय विधायक देवेंद्र लोधी ने चिंगरावठी में सुमित के परिवार से मुलाकात की. लोधी ने जिला प्रशासन और पुलिस पर मामले की ठीक ढंग से जांच नहीं करने का आरोप लगाया. भाजपा विधायक ने कहा कि दो गांवों महाव और चिंगरावठी के स्थानीय लोगों को गायों के कंकाल मिले थे और उन्होंने सोमवार सुबह पुलिस को इसकी सूचना दी.
लोधी ने कहा, पुलिस को मामला दर्ज करना चाहिए था, एक प्राथमिकी दर्ज कर उस हिसाब से कार्रवाई करनी चाहिए थी. एक ओर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने भीड़ की हिंसा के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार की गैरजिम्मेदार एवं गलत नीतियों को दोष दिया, वहीं माकपा ने योगी आदित्यनाथ के सांप्रदायिक रूप से उत्तेजित भाषणों को जिम्मेदार ठहराया. पार्टी ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए इस हिंसा की योजना बनायी गयी.