बुलंदरशहर हिंसा : बजरंग दल ने योगेश से समर्पण करने को कहा, सीबीआई जांच की मांग
बुलंदशहर : बजरंग दल ने अपने बुलंदशहर के संयोजक योगेश राज को पुलिस के समक्ष समर्पण करने को कहा है. वह भीड़ द्वारा की गयी हिंसा का मुख्य आरोपी है जिसमें एक पुलिस अधिकारी समेत दो लोगों की मौत हो गयी थी. दक्षिणपंथी संगठन ने घटना की सीबीआई जांच की मांग की है और कहा […]
बुलंदशहर : बजरंग दल ने अपने बुलंदशहर के संयोजक योगेश राज को पुलिस के समक्ष समर्पण करने को कहा है. वह भीड़ द्वारा की गयी हिंसा का मुख्य आरोपी है जिसमें एक पुलिस अधिकारी समेत दो लोगों की मौत हो गयी थी. दक्षिणपंथी संगठन ने घटना की सीबीआई जांच की मांग की है और कहा है कि इस मामले में पुलिस खुद शिकायतकर्ता है.
सोमवार को कथित गोकशी के विरोध में प्रदर्शन कर रही भीड़ हिंसक हो गयी थी और बुलंदशहर की एक पुलिस चौकी को आग लगा दी थी. इस हिंसा में पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह और 20 वर्षीय स्थानीय युवक की गोली लगने की वजह से मौत हो गयी थी. सिंह ने 2015 में भीड़ द्वारा मोहम्मद अखलाक की हत्या किये जाने की शुरुआती जांच की थी. राज उन करीब 90 लोगों में शामिल है जिनके खिलाफ दंगा और हिंसा करने का मामला दर्ज किया गया है. माहव गांव के कुछ ग्रामीणों ने दावा किया कि स्थानीय लोग समझौते को राजी हो गये थे और पशु के अवशेष को दफन करना चाहते थे, लेकिन दक्षिणपंथी कार्यकर्ता उन्हें पुलिस चौकी तक ले गये और हंगामा किया. बजरंग दल के पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के सह संयोजक प्रवीण भाटी ने कहा, हम मानते हैं कि हम (गाय के) शव को थाने लेकर गये क्योंकि हम गोकशी करने में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई चाहते थे, लेकिन जब पुलिस हमारी मांग पर राजी हो गये और प्राथमिकी दर्ज कर ली तो फिर हम क्यों हंगामा करेंगे?
यह पूछने पर कि अगर ऐसा है तो राज का नाम मामले में क्यों आया, उन्होंने कहा, क्योंकि दो घटनाएं आपस में जुड़ गयीं. यहां गोकशी का विरोध करने के लिए लोग जमा हुए थे और राज मामला दर्ज कराने के लिए गया था. भाटी ने कहा, इस बीच यहां जो हुआ (चिंगरावटी चौकी पर हिंसा) उससे राज का कोई लेना देना नहीं है. वह हमारा जिला संयोजक है, हम उसके साथ हैं और वह निर्दोष है. वह पुलिस के साथ सहयोग करेगा और सही समय पर बाहर आयेगा. भाटी ने दावा किया कि सिंह और सुमित को लगी गोलियां एक ही बोर की थी. भाटी ने कहा कि राज को समर्पण करना चाहिए. उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर उसे समर्पण करना चाहिए, लेकिन मैं यह भी स्पष्ट कर दूं कि सच सामने लाने के लिए जांच बड़ी एजेंसी से होनी चाहिए. इस प्राथमिकी में, पुलिस खुद शिकायतकर्ता है और ऐसी स्थिति में वे निष्पक्ष जांच कैसे कर सकते हैं? उन्हें बताया गया कि विशेष जांच दल घटना की जांच कर रही है, तो उन्होंने कहा, मैं इससे संतुष्ट नहीं हूं. मेरे ख्याल से सीबीआई को जांच करनी चाहिए.