राहुल की PM उम्मीदवारी पर विपक्षी गठबंधन में रार, अखिलेश ने खोला मोर्चा

लखनऊ : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने के द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन के प्रस्ताव पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवारको कहा कि ऐसा कोई आवश्यक नहीं है कि गठबंधन की भी ऐसी ही राय हो. अखिलेश ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2018 8:56 PM

लखनऊ : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने के द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन के प्रस्ताव पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवारको कहा कि ऐसा कोई आवश्यक नहीं है कि गठबंधन की भी ऐसी ही राय हो.

अखिलेश ने कहा, देश की जनता भाजपा से नाराज है इसीलिए तीन राज्यों में कांग्रेस को सफलता मिली. ममता जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी), पवार जी (राकांपा नेता शरद पवार) और अन्य लोगों ने 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले गठबंधन बनाने के लिए सभी नेताओं को साथ लाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा, अगर कोई (स्टालिन) अपनी राय दे रहा है तो कोई जरूरी नहीं कि गठबंधन के सभी घटक दलों की राय वही हो. अखिलेश से स्टालिन के उस बयान के बारे में पूछा गया था, जिसमें उन्होंने विपक्ष के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में राहुल के नाम का प्रस्ताव किया था.

अखिलेश ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस बयान को गलत बताया कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को नौकरियां देने से उनके राज्य के युवाओं को रोजगार से वंचित रहना पड़ता है. अखिलेश ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक कार्यक्रम के इतर कहा, हम ऐसी बातें महाराष्ट्र से सुनते थे. यह कहा जाता रहा है कि उत्तर भारतीय वहां क्यों आते हैं. ऐसी ही बात दिल्ली से आयी और अब मध्यप्रदेश से भी. कमलनाथ ने सोमवार को कार्यभार संभालने के बाद कहा था कि उनकी सरकार ऐसे उद्योगों को रियायतें देगी, जो अपनी नौकरियों का 70 फीसदी मध्य प्रदेश के लोगों को देंगे. उन्होंने कहा था कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग मध्य प्रदेश में यहां की स्थानीय आबादी की कीमत पर रोजगार पाते हैं.

अखिलेश से जब मध्य प्रदेश में किसानों की कर्ज माफी के फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, यह अच्छा फैसला है. वहां की सरकार ने दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का फैसला किया है. हमारी पार्टी का मत है कि किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाना चाहिए. भाजपा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि वह पिछड़ों की जनगणना की बात करती है, सभी जातियों की नहीं. सबका साथ, सबका विकास के लिए सभी जातियों की जनगणना होनी चाहिए.

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