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नसीरुद्दीन शाह के बयान पर बोले राजनाथ – भारत जैसा सहिष्णु कोई दूसरा मुल्क नहीं

लखनऊ : देश में असहिष्णुता को लेकर फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बयान के बारे में जारी बहस के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि हिंदुस्तान जितनी सहिष्णुता दुनिया के किसी दूसरे मुल्क में नहीं है. सिंह ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के 114वें स्थापना दिवस समारोह से इतर संवाददाताओं […]

लखनऊ : देश में असहिष्णुता को लेकर फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बयान के बारे में जारी बहस के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि हिंदुस्तान जितनी सहिष्णुता दुनिया के किसी दूसरे मुल्क में नहीं है.

सिंह ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के 114वें स्थापना दिवस समारोह से इतर संवाददाताओं से बातचीत में अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के हाल के बयान के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, भारत में जितनी सहिष्णुता है, मैं समझता हूं कि दुनिया में ढूंढने से भी नहीं मिलेगी. भारत दुनिया का ऐसा इकलौता देश है जहां विश्व के सभी प्रमुख धर्म पाये जाते हैं. यानी सारे धर्मों के मानने वाले लोग अगर कहीं मिलजुलकर रह रहे हैं, तो वह भारत ही है. उन्होंने कहा, मैं दोहराना चाहूंगा कि इस्लामी देशों में भी इस्लाम के सभी 72 फिरके एक साथ नहीं मिलते. केवल भारत में ही मुसलमानों के ये सभी फिरके मौजूद हैं इसलिये यहां पर असहिष्णुता का कोई सवाल ही नहीं.

गृह मंत्री ने कहा कि भारत में विभिन्न धर्मों को मानने वाले जितने भी लोग हैं, वे भारत को एक सशक्त, स्वाभिमानी, स्वावलंबी और समृद्धिशाली बनाने में योगदान कर रहे हैं और आगे भी करेंगे. गौरतलब है कि मशहूर अभिनेता शाह ने हाल में एक बयान में कहा था कि भारत में गाय की जान की कीमत आदमी की जान से ज्यादा हो गयी है. देश में ऐसा माहौल बन गया है कि उन्हें अपने बच्चों की चिंता होती है कि कहीं कोई भीड़ उन्हें घेरकर उनका मजहब ना पूछने लगे. लखनऊ से सांसद गृह मंत्री ने साइबर सर्विलांस संबंधी आदेश के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उनके मंत्रालय ने इस बारे में पहले ही स्पष्टीकरण दे दिया है, लेकिन चूंकि संसद का सत्र इस समय चल रहा है लिहाजा वह अभी इस बारे में कुछ नहीं कह सकते.

उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने की मांग के स्वर फिर तेज होने के बीच केंद्रीय गृह मंत्री ने इसे अवांछित बताते हुए कहा कि आबादी कोई बोझ, नहीं बल्कि एक लाभांश है और उसका सही इस्तेमाल किया जाना चाहिए. गृह मंत्री ने उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि लोग यह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश का बंटवारा किये बगैर इसका विकास नहीं हो सकता. कल को कोई यह भी कहना शुरू करेगा कि आबादी के लिहाज से चीन के बाद भारत सबसे बड़ा देश है और यह मुल्क भी तब तक विकसित नहीं हो सकता, जब तक इसके टुकड़े ना किये जायें. उन्होंने कहा, जनसंख्या को कभी बोझ नहीं माना जाना चाहिए. यह एक डेमोग्रैफिक डिविडेंट (जनसांख्यिकीय लाभांश) है.

जनसंख्या हमारी श्रमशक्ति है. इसका उपयोग कैसे किया जाये और हम देश के विकास में उसका अधिकतम योगदान कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं, इसकी तकनीक खोजने की जरूरत है. अनावश्यक परेशान होने की जरूरत नहीं है. गृह मंत्री ने कहा, हमारा उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जिसमें न तो प्राकृतिक सम्पदा की कमी है और न ही आवश्यक संसाधनों की. इसके बंटवारे की जरूरत नहीं है. सिंह ने इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान करने वाली 24 हस्तियों को उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से नवाजा.

गौरतलब है कि दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी विकास की दृष्टि से उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने की मांग कर रही है. इसके लिए वह हाल में हस्ताक्षर अभियान भी चला चुकी है. इसके अलावा खुद उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने की मांग कर रही है और आगामी लोकसभा चुनाव में वह इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जायेगी. वैसे उत्तर प्रदेश के बंटवारे की मांग पहले भी कई बार उठ चुकी है, लेकिन इस पर कोई ठोस कदम तत्कालीन मायावती सरकार ने उठाया था. नवंबर, 2011 में मायावती सरकार ने राज्य को चार हिस्सों पूर्वांचल, पश्चिम प्रदेश, बुंदेलखण्ड और अवध प्रदेश में बांटने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित करवाकर केंद्र के पास भेजा था.

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