लोकसभा चुनाव में एक-दूसरे के प्रत्याशी की कमान संभालेंगे सपा-बसपा

लखनऊ : कभी एक दूसरे की धुर विरोधी रही समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनावों में गठबंधन के बाद मतदाताओं को यह संदेश देने के लिए जमीनी स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है कि दोनों दल अब एक हैं और कार्यकर्ता दोनों दलों के प्रत्याशियों को जिताने के लिए कमर कस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 14, 2019 5:39 PM

लखनऊ : कभी एक दूसरे की धुर विरोधी रही समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनावों में गठबंधन के बाद मतदाताओं को यह संदेश देने के लिए जमीनी स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है कि दोनों दल अब एक हैं और कार्यकर्ता दोनों दलों के प्रत्याशियों को जिताने के लिए कमर कस लें.

सपा और बसपा गठबंधन ने अपने परंपरागत वोटों को एकजुट रखने के लिए तैयारियों पर अमल शुरू कर दिया है जिसके तहत जल्द ही पार्टी नेताओं को प्रत्येक लोकसभा सीट की अलग-अलग जिम्मेदारी सौंप दी जायेगी. सपा के प्रदेश प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने बृहस्पतिवार को बताया प्रदेश में लोकसभा चुनावों में बूथ स्तर पर प्रबंधन की तैयारी आरंभ हो गयी है. दोनों दल समन्वय करेंगे ताकि कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश जाये कि दोनों दल एक हैं. जिस लोकसभा सीट पर सपा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है वहां विधानसभा स्तर पर चुनाव प्रबंधन का जिम्मा स्थानीय बसपा नेताओं के हाथ में होगा और जहां बसपा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है वहां की पूरी जिम्मेदारी सपा नेताओं पर होगी ताकि सपा और बसपा दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश जाये कि दोनों दल एक हैं.

गठबंधन के दोनो नेताओं अखिलेश यादव और मायावती की संयुक्त जनसभाएं इस माह के अंतिम सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है. दोनों दलों की प्रचार सामग्री (झंडा, बैनर और पोस्टर) में भी दोनों नेताओं की फोटो और चुनाव चिह्न (साईकिल और हाथी) साथ-साथ रखे जा रहे हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं को भी निर्देश दिये गये हैं कि वह प्रचार सामग्री में दोनों नेताओं की फोटो और चुनाव चिह्न रखें. बसपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया पार्टी सुप्रीमो मायावती ने निर्देश दिये हैं कि जिन लोकसभा सीटों पर सपा के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं वहां हर गांव और हर बूथ में यह संदेश दिया जाये कि पार्टी कार्यकर्ताओं को सपा के चुनाव चिह्न साईकिल के लिए प्रचार करना है. सपा बसपा दोनों दलों में गठबंधन के बाद अब उनके झंडे ने भी साझा रूप ले लिया है. इस साझा झंडे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि आधे हिस्‍से में मायावती और बसपा का चुनाव निशान हाथी नजर आये और आधे हिस्‍से में अखिलेश यादव और सपा का चुनाव निशान साइकल दिखायी दे.

दोनों ही दलों ने अभी चुनाव प्रचार शुरू नहीं किया है, लेकिन बृहस्पतिवार की रात को अखिलेश यादव की अचानक मायावती से मुलाकात के बाद दोनों दलों में सरगर्मियां बढ़ गयी हैं. सपा अपने 11 उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है. शेष सीटों के लिए प्रत्याशियों की सूची जल्द आने की उम्मीद है. सपा प्रवक्ता साजन ने कहा, गठबंधन के दोनों नेताओं की संयुक्त रैलियां मार्च के अंतिम सप्ताह से शुरू हो जायेंगी और प्रयास रहेगा कि प्रदेश की सभी अस्सी सीटों पर दोनों नेताओं की कम से कम एक संयुक्त जनसभा अवश्य आयोजित हो. दोनों पार्टियों के जिला स्तर पर कार्यालय भी दोनों दलों के नेता कार्यकर्ता साझा करेंगे. बसपा नेता ने कहा, कार्यकर्ताओं तक बहन जी का संदेश पहुंचा दिया गया है कि जहां सपा का प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है वहां उसे पार्टी का पूरा वोट ट्रांसफर कराया जाये और यही उम्मीद हम सपा नेताओं से भी करते हैं कि वह अपने वोट बसपा प्रत्याशियों को ट्रांसफर करायें.

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