राहुल-अखिलेश की दोस्‍ती, दुश्‍मनी में बदली, अब माया के साथ भी होगा वही हाल : मोदी

लखनऊ (एटा) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सपा-बसपा गठबंधन पर करारा हमला करते हुए शनिवार को कहा कि जनता खोखली दोस्ती करने वालों का सच जानती है और इन दोनों की दोस्ती टूटने की तारीख 23 मई तय हो चुकी है. मोदी ने यहां आयोजित चुनावी रैली में वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2019 5:43 PM

लखनऊ (एटा) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सपा-बसपा गठबंधन पर करारा हमला करते हुए शनिवार को कहा कि जनता खोखली दोस्ती करने वालों का सच जानती है और इन दोनों की दोस्ती टूटने की तारीख 23 मई तय हो चुकी है.

मोदी ने यहां आयोजित चुनावी रैली में वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हुए सपा-कांग्रेस गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा, खोखली दोस्ती करने वालों का सच आप अच्छी तरह जानते हैं. एक दोस्ती (सपा-कांग्रेस गठबंधन) तब हुई थी जब यूपी विधानसभा चुनाव चल रहे थे, चुनाव खत्म हुआ तो दोस्ती खत्म होकर दुश्मनी में बदल गयी.

एक और दोस्ती (सपा-बसपा गठबंधन) हुई है, उसके टूटने की तारीख भी तय है. यह फर्जी दोस्ती 23 मई (लोकसभा चुनाव परिणाम का दिन) को टूट जाएगी. उन्होंने कहा, उस दिन बुआ और बबुआ…. ये दोनों अपनी दुश्मनी का पार्ट टू शुरू कर देंगे. एक दूसरे को तबाह करने की धमकियां देने लगेंगे. मोदी ने बसपा प्रमुख मायावती पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में सपा के शासनकाल में बहन-बेटियों का स्कूल जाना भी मुश्किल हो गया था.

यह पूरे देश ने देखा है. वाकई बहनजी आपका फैसला बहुत कठिन है, आपको ऐसे लोगों के लिये वोट मांगना पड़ा है. दोस्ती टूटने की तारीख मत भूलियेगा, 23 मई गुरुवार. मालूम हो शुक्रवार को मैनपुरी में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समर्थन में आयोजित रैली में मायावती ने गेस्ट हाउस कांड को याद करते हुए कहा था कि पार्टी के मूवमेंट के लिए कभी-कभी हमें कुछ कठिन फैसले लेने पड़ते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सपा-बसपा सोचते थे कि जो उनका वोट बैंक है, वह उनकी सुविधा के हिसाब से यहां-वहां ट्रांसफर हो जाएगा, वह पहले दो चरणों के मतदान में साबित हो चुका है कि उनके सारे खेल खत्म हो चुके हैं. उन्हें लगता था कि वोटरों के वे ठेकेदार हैं, लेकिन वोटरों ने उनकी तैयारी को खूंटी पर टांग दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा-बसपा के नेताओं ने गरीबों के नाम पर राजनीति करके सिर्फ और सिर्फ अपना बैंक बैलेंस बढ़ाया है.

सपा-बसपा के सिर्फ झंडे अलग रहे हैं, लेकिन नीयत एक जैसी ही है. सरकारें बदलती थी, गुंडे और कब्जा गिरोह भी बदलते थे. किसानों, दुकानदारों, व्यापारियों को लूटने का काम आमतौर पर होता था. अब दलितों पर अत्याचार कौन करता था, मैं पूछूंगा तो बहन मायावती जी के लिये बहुत मुश्किल हो जाएगा.

मायावती आज वोट भी उन्हीं अत्याचार करने वालों के लिये मांग रही हैं. भाजपा उम्मीदवार राजवीर सिंह के लिए प्रचार करने आये प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी को जात-पात में तोड़कर अपनी राजनीति चमकाने वाले यह भूल गये कि जब बात देश की सुरक्षा और विकास की आती है तो उत्तर प्रदेश ऐसी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देता है.

एक जमाना था, जब जनता ने इंदिरा जी समेत सबको घर भेज दिया था. दोबारा वही माहौल बना है, ये महामिलावटी सब घर बैठेंगे. मोदी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमला करते हुए कहा कि अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में अखिलेश ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों की सूची केन्द्र को नहीं भेजी, क्योंकि वह तो खुद अपना बंगला सजाने में लगे थे.

हां, सुना है कि उन्होंने टोटियां भी बड़ी शानदार लगवायी थीं. यूपी के ईमानदार करदाताओं की कमाई से चुन-चुनकर अपनी पसंदीदा टोटियां खरीदी गयी थीं. प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या देश को आतंकवाद से मुक्ति मिलनी चाहिये. आतंकवाद खत्म होना चाहिये, आतंकवाद पूरी तरह नष्ट होना चाहिये.

चुन-चुनकर साफ होना चाहिये. यह काम कौन करेगा? यह सपा वाले कर सकते हैं क्या, बसपा वाले कर सकते हैं क्या. दोनों मिलकर भी क्या आतंकवाद को जवाब दे सकते हैं. तो कौन करेगा? ये काम सिर्फ मोदी नहीं करेगा, आपका एक-एक वोट करेगा. हम सभी चौकीदार मिलकर ये करके रहेंगे.

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