ग्राउंड रिपोर्ट : गोरखपुर में रवि किशन को योगी का सहारा, महागठबंधन की नजर जातीय समीकरण पर
।।पंकज कुमार पाठक ।। पूर्वी यूपी की गोरखपुर सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ है. शहर में ज्यादातर लोग भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में बात करते हैं और योगी के काम की तारीफ करते हैं. गांव में भी योगी की चर्चा है लेकिन सपा- बसपा की उपस्थिति भी आपको यहां महसूस होगी. गोरखपुर में […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
May 15, 2019 1:23 PM
।।पंकज कुमार पाठक ।।
पूर्वी यूपी की गोरखपुर सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ है. शहर में ज्यादातर लोग भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में बात करते हैं और योगी के काम की तारीफ करते हैं. गांव में भी योगी की चर्चा है लेकिन सपा- बसपा की उपस्थिति भी आपको यहां महसूस होगी. गोरखपुर में इन पांच सालों में कितना काम हुआ, जब हमने गोरखपुर के लोगों से यह सवाल किया तो लोगों ने कहा, जब तक योगी सांसद थे उन्होंने ऐसा कोई खास काम नहीं किया जो गिनाया जा सके लेकिन मुख्मंत्री बनने के बाद उन्होंने गोरखपुर पर ध्यान दिया है.
गोरखपुर सीट पर भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर भोजपुरी स्टार रवि किशन चुनाव लड़ रहे हैं. गोरखपुर से एसपी-बीएसपी ने निषाद वोटबैंक पर कब्जा जमाने के लिए रामभुआल निषाद को चुनाव मैदान में उतारा है. जातिय समीकरण इस सीट पर अहम है तभी, तो कांग्रेस ने भी इस सीट पर एक स्थानीय ब्राह्मण प्रत्याशी खड़ा किया है. पार्टी ने वरिष्ठ अधिवक्ता मधुसूदन तिवारी को मैदान में उतारा है. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के साथ आने से यूपी की कई सीटों पर टक्कर जोरदार है.
मुकाबला कड़ा है. इस सीट पर महागठबंधन इसलिए भी मजबूती से दावा करता है क्योंकि दो दशक तक गोरखपुर पर भाजपा का कब्जा रहा लेकिन उपचुनाव में भाजपा को मिली हार से महागठबंधन का उत्साह बढ़ा. गोरखपुर में निषाद पार्टी का महत्व सभी पार्टियों को समझ आ गया. भाजपा से टिकट मिलने के बाद रवि किशन उत्साह में है. लगातार प्रचार कर रहे हैं. प्रभात खबर डॉट कॉम ने जब उनसे बात की तो उन्होंने कहा, इस इलाके में महाराज ( योगी आदित्यनाथ) ने काम ही इतना किया है कि उनकी जीत पक्की है.
सारे दावे, जातीय समीकरण धरे रह जायेंगे. मैं प्रचार कर रहा हूं जिस तरह से लोगों का प्यार मुझे मिल रहा है, मैं सभी के साथ से जीत जाऊंगा. हमने अपनी चुनावी यात्रा में पाया कि शहरी इलाकों में भारतीय जनता पार्टी के काम लोग गिना देते हैं. लोगों ने चुनावी चर्चा में हमसे कहा कि इस इलाके से भारतीय जनता पार्टी का कोई भी नेता खड़ा होता, तो जीत जाता. यहां चुनाव रवि किशन ने योगी और मोदी लड़ रहे हैं. इस इलाके में सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा है.ग्रामीण इलाकों के वोटर सपा – बसपा की तरफ देखते हैं. हमने गोरखपुर के ग्रामीण इलाके का भी रुख किया. यहां योगी की चर्चा है लेकिन शहर के मुकाबले सपा और बसपा पर भी बात करने वाले लोग हैं. नरेश कहते हैं, जब योगी सांसदी छोर के पीएम बने तब से उन्होंने क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान दिया है.
रवि किशन जानते हैं कि शहर में गोरक्ष मठ का कितना जबरदस्त प्रभाव है. पिछले उपचुनाव में प्रवीण निषाद चुनाव जीते थे. अखिलेश यादव से विवाद बढ़ा, तो उन्होंने एनडीए का रुख कर लिया. अब प्रवीण निषाद को संतकबीर नगर की सीट दी गयी है. प्रभात खबर डॉट कॉम ने अपनी चुनावी यात्रा में पाया कि निषाद वोटबैंक का असर इस इलाके में है. रवि किशन ब्राहम्ण है और कांग्रेस ने इस पर दांव लगाया है. मधुसूदन तिवारी उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य हैं. मधुसूदन वकालत पेशे में करीब 40 वर्ष से हैं. ये उनका पहला राजनीतिक चुनाव है. कांग्रेस के इस कदम से ब्राह्मण मतों का बिखराव हो सकता है.
क्या है जातीय समीकरण
यहां 19.5 लाख वोटरों में से 3.5 लाख वोटर निषाद समुदाय के हैं. करीब डेढ़ लाख मुसलमान, 2 लाख यादव, 2 लाख दलित, करीब तीन लाख ब्राहम्ण, 80 हजार राजपूत और छोटी बड़ी जातियां है.