चुनाव परिणाम आने तक मायावती ‘वेट एंड वॉच’ की मुद्रा में रहेंगी
लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती 23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजों तक ‘वेट एंड वाच’ नीति पर अमल करेंगी.सोमवार को उनके और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच करीब एक घंटे तक विचार विमर्श हुआ.हालांकि, इस विचार-विमर्श में किन मुद्दों पर बात हुई इसके बारे में सही जानकारी […]
लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती 23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजों तक ‘वेट एंड वाच’ नीति पर अमल करेंगी.सोमवार को उनके और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच करीब एक घंटे तक विचार विमर्श हुआ.हालांकि, इस विचार-विमर्श में किन मुद्दों पर बात हुई इसके बारे में सही जानकारी तो नहीं लग पायी लेकिन ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों नेताओं के बीच चर्चा का मुख्य मुददा एक्जिट पोल रहे होंगे.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ‘‘भविष्य में पार्टी की क्या रणनीति रहेगी इसका खुलासा चुनाव का अंतिम परिणाम आने के बाद ही किया जाएगा लेकिन तब तक बहन जी लखनऊ में ही रहेंगी.’ विभिन्न एग्जिट पोल के आधार पर यह कहा जा सकता है कि सपा-बसपा गठबधंन उत्तर प्रदेश में भाजपा की 2014 की सीटों में कमी तो लाएगा लेकिन इसके बावजूद वह केंद्र में राजग को सरकार बनाने से नहीं रोक पायेगा.एक्जिट पोल में केंद्र में राजग की सरकार बनने के कयासों के बीच गठबंधन सहयोगी बसपा की प्रमुख मायावती से सोमवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की.लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा और रालोद ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था.
अखिलेश सोमवार दोपहर बसपा प्रमुख के घर पहुंचे और दोनों नेताओं के बीच एक घंटे तक बातचीत हुई.दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बारे में अभी जानकारी नही मिल पायी है.गठबंधन की दोनों पार्टियों के नेता हालांकि यह मानने को कतई तैयार नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी को तीन सौ से अधिक सीटें मिलेंगी और वह आसानी से केंद्र में सरकार बना लेगी.एक अन्य नेता ने कहा, ‘‘हमें (सपा-बसपा-रालोद) 55 सीट से कम तो किसी भी हालत में नही मिलेंगी.गठबंधन ने बहुत अच्छा काम किया है और हम अस्सी में से साठ सीटों की उम्मीद कर रहे हैं.हम एक्जिट पोल से सहमत नहीं है.’
पार्टी के एक नेता ने बताया कि ‘‘पार्टी के नेताओं को कहा गया है कि वह राजधानी 23 मई को चुनाव परिणामों के बाद आयें और तब तक वह अपने-अपने क्षेत्रों में रहे.’ साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को 71 सीटें तथा उसके सहयोगी अपना दल को दो सीटें, समाजवादी पार्टी को पांच, कांग्रेस को दो सीटें मिली थी जबकि बसपा का खाता भी नहीं खुला था.