धर्मनगरी अयोध्या को तिरूपति जैसा बनाने की तैयारी, सरयू नदी पर चलेगा क्रूज, लगेगा इतना समय
लखनऊः अयोध्या प्रकरण पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अब अयोध्या के विकास की कार्ययोजना बनाई जा रही है. इसमें सरयू नदी पर क्रूज (पानी का छोटा जहाज) चलाना भी शामिल है. अयोध्या मंडल के सूचना उप निदेशक मुरलीधर सिंह ने विकास योजनाओं के बारे में बताया कि सबसे पहले अयोध्या तीर्थ विकास परिषद […]
लखनऊः अयोध्या प्रकरण पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अब अयोध्या के विकास की कार्ययोजना बनाई जा रही है. इसमें सरयू नदी पर क्रूज (पानी का छोटा जहाज) चलाना भी शामिल है. अयोध्या मंडल के सूचना उप निदेशक मुरलीधर सिंह ने विकास योजनाओं के बारे में बताया कि सबसे पहले अयोध्या तीर्थ विकास परिषद का गठन किया जायेगा. सरयू नदी पर एक क्रूज चलाये जाने की योजना है.
अयोध्या को तिरूपति जैसा शहर बनाने में कम से कम चार साल का समय लगेगा. सिंह ने बताया कि अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की दिशा में कार्य होगा. अप्रैल 2020 में राम नवमी पर पहली उड़ान भरी जा सकेगी. अयोध्या में रेलवे स्टेशन का विस्तार किया जाएगा जिसमें 100 करोड़ रूपये का खर्च आएगा.
उन्होंने बताया कि अयोध्या से फैजाबाद के बीच पांच किलोमीटर का फ्लाईओवर बनेगा. सरयू नदी के किनारे भगवान राम की 251 मीटर की विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति बनेगी. दिसंबर से 5 पांच सितारा होटल का काम भी शुरू हो जायेगा. दिसम्बर में 10 बड़े रिजार्ट के निर्माण का काम भी शुरू होगा. उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए अभी तक 65 प्रतिशत पत्थर तराशे जा चुके हैं और अगर 2000 कारीगर एक दिन में आठ घंटे काम करते हैं तो ढाई वर्ष में मंदिर बन कर तैयार हो जायेगा.
उन्होंने बताया कि अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के आसपास के पांच किलोमीटर के मंदिरों की देखभाल की जिम्मेदारी भी प्रस्तावित ट्रस्ट देखेगा. मंदिर के पास 77 एकड़ परिसर में कई धार्मिक संस्थान बनायें जायेंगे. इनमें राम मंदिर के पास में गोशाला, धर्मशाला ओर वैदिक संस्थान के साथ कई धार्मिक परिसर शामिल होंगे.
उन्होंने बताया कि अयोध्या में 10 श्री राम द्वार बनाये जाएंगे और उसे एक आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित किया जाएगा. तीर्थ यात्रियों के रूकने के लिये रैनबसेरों का भी निर्माण किया जायेगा और भगवान राम से जुड़े सभी कुंडों का पुर्निर्माण होगा.