CAA के खिलाफ योगी आदित्यनाथ पर जमकर बरसीं प्रियंका गांधी, कही ये बात…

लखनऊ : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नागरिकता कानून को लेकर योगी सरकार पर जमकर हमला बोला. मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमला बोला.प्रियंका ने योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वे पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो अपनी जनता से बदला लेने की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2019 3:47 PM

लखनऊ : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नागरिकता कानून को लेकर योगी सरकार पर जमकर हमला बोला. मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमला बोला.प्रियंका ने योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वे पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो अपनी जनता से बदला लेने की बात करते हैं. उन्होंने कहा कि यूपी में पुलिस-प्रशासन अराजकता फैला रही है.

प्रियंका गांधी ने कहा कि नागरिकता कानून देश के संविधान के विरुद्ध है, इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं. जहां भी कांग्रेस की सरकार है वहां एनआरसी लागू नहीं होगा. यह बात अब कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी कह रहे हैं कि उनके यहां एनआरसी लागू नहीं होगा. प्रियंका ने योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए कहा कि वे भगवा पहनते हैं, तो धर्म को भी धारण करें. भगवा उनका प्रतीक नहीं है, यह हमारे देश में हिंदू धर्म का प्रतीक है. जो हिंसा और बदले की बात नहीं करता है.

प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारी चार मांगे हैं, जिन्हें हम सरकार के समक्ष रख रहे हैं. कांग्रेस ने यह मांग की है किसीएए का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे लोगों पर दर्ज किए गए सभी मुकदमों का निष्पक्ष आकलन हो और किसी सेवानिवृत्त या सेवारत जज की अगुवाई में एक स्वतंत्र आयोग इनकी निगरानी करे.

यह भी मांग की गयी है कि उन सभी लोगों को फौरन जमानत दी जाये जिन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं. उत्तर प्रदेश में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस ज्यादती और बर्बरता की पूर्ण न्यायिक जांच जरूरी है ताकि प्रशासन और पुलिस की ज्यादती का पता लग सके और इसमें मारे गए लोगों के परिवारों को इंसाफ मिल सके.

कांग्रेस ने यह मांग भी की है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारे संविधान में दिया गया मौलिक अधिकार है और सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए लोगों की जायदाद कुर्क करने का नोटिस तथा अन्य दंडात्मक कार्रवाई तब तक निलंबित रखी जानी चाहिए जब तक सक्षम और निष्पक्ष अधिकारियों द्वारा इन घटनाओं की समुचित जांच पूरी नहीं कर ली जाती.

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