गौरी गणेश की पूजा को बीएसपी राष्ट्रीय महासचिव ने मनुवादियों की साजिश करार दिया
लखनऊः बहुजन समाजवादी पार्टी ने अपने राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के उस बयान से किनारा कर लिया है जिसमें उन्होंने हिंदू धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. पार्टी प्रमुख मायावती ने उनके बयान से किनारा करते हुए कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है. इससे पार्टी का कोई संबंध नहीं हम सभी धर्मों का […]
लखनऊः बहुजन समाजवादी पार्टी ने अपने राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के उस बयान से किनारा कर लिया है जिसमें उन्होंने हिंदू धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. पार्टी प्रमुख मायावती ने उनके बयान से किनारा करते हुए कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है. इससे पार्टी का कोई संबंध नहीं हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और सब को एक साथ लेकर चलने पर विश्वास रखते है. मायावती ने कहा कि बीएसपी बाबा साहब भीमराव आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान के धर्म-निरपेक्षता के मूल सिद्धान्त के अनुसार सभी धर्मों के रहन-सहन, शादी-विवाह, पूजा-पाठ तथा उनकी संस्कृति के तौर तरीकों का आदर करती है।. सूत्र बताते है कि पार्टी स्वामी प्रसाद के बयान से नाराज है और उन पर कार्रवाई का मन बना रही है.
गौरतलब है कि कल स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक कार्यक्रम में कहा कि हिंदू धर्म ऐसा धर्म है जहां इंसान के लिए कोई स्थान नहीं है. यहां जानवरों की पूजा की जा सकती है जैसे कुत्ते का बाबा भैरव, चुहे को गणेश, उल्लू को लक्ष्मी की सवारी मानकर पूजा और सम्मान मिलता है लेकिन इस धर्म में अनुसूचित जातियां, जनजातियां और पिछड़े वर्ग इनके लिए शूद्र है उन्हें हीन भावना से देखा जाता है. जानवारों जितना सम्मान भी नहीं मिलता. उन्होंने लोगों से कहा कि शादी में गौरी और गणेश की पूजा ना करें. यह सब एक साजिश है और लोगों का बांटने के उद्धेश्य से की जा रही है. हिंदू धर्म के ठेकेदार चाहते हैं कि वर्ण व्यवस्था हमेशा बनी रहे और उन्हें सम्मान मिलता रहे.बसपा के राष्ट्रीय महासचिव के इस बयान से नया हंगामा खड़ा हो गया है. कई पार्टियों ने इनके बयान का खुलकर विरोध किया है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता ने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि बसपा अपने हार की हताशा छिपा नहीं पा रही है. जनसंमर्थन के लिए उलटा सीधा बयान दे रही है. बीएसपी नेता अब सामाजिक व्यवस्थाओं पर प्रहार करने लगे हैं. इस तरह के बयान की जितनी निंदा की जाए कम है. अगर पार्टी ( बीएसपी) इसे निजी बयान करार दे रही है, तो पार्टी को अपने स्तर पर उन पर कार्रवाई करनी चाहिए.