यूपी के 16 जिलों को मिलेगी आईसीयू की सुविधा, गंभीर बिमारियों से जूझ रहे मरीजों को दर-बदर भटकने से मिलेगी निजात

उत्तर प्रदेश में अब आईसीयू (इंटेसिव केयर यूनिट) की सुविधा लेने के लिए भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. योगी सरकार ने प्रदेश के 16 जिलों को जल्द से जल्द आईसीयू सुविधा शुरू करने के आदेश दिए हैं.

By Sandeep kumar | July 2, 2023 5:26 PM
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Lucknow : उत्तर प्रदेश में कई क्षेत्रों के गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को आईसीयू (इंटेसिव केयर यूनिट) बेड के लिए भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब आईसीयू की सुविधा उनके जिले में मिल सकेगी. इसके लिए प्रदेश सरकार 16 जिलों में आईसीयू की सुविधा शुरू करेगी. शनिवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए.

उन्होंने जल्द ही आईसीयू की सुविधा शुरू करने के लिए कहा है. अभी प्रदेश के 21 अस्पतालों में आईसीयू की सुविधा है. ऐसे में गंभीर रोगियों को उपचार के लिए लंबा सफर तय करना पड़ रहा है. रोगियों को और बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिए अस्पतालों में आईसीयू की सुविधा शुरू करने का फैसला किया गया है.

आईसीयू में होंगे 213 बेड

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि 16 और जिलों के सरकारी अस्पतालों में आईसीयू की सुविधा होगी. इसमें 213 बेड होंगे इसके बाद 37 अस्पतालों में आईसीयू की सुविधा हो जायेगी. उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों को जल्द से जल्द आईसीयू के संचालन के निर्देश दिए गए हैं. विशेषज्ञ व प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती की जायेगी.

समय-समय पर स्टाफ व पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाएगा. ताकि गंभीर रोगियों को इलाज मुहैया कराने में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो. नेशनल हेल्थ मिशन के तहत भी विशेषज्ञ व पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाये। रोगी कल्याण समिति के बजट से संसाधन को जुटाए जाये. आईसीयू की स्थापना में बजट की कमी आड़े नहीं आयेगी.

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अब सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी मिलेगा 48 घंटे मुफ्त इलाज

वहीं, अब सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों की इमरजेंसी में शुरुआती 48 घंटे मरीजों को मुफ्त इलाज मिलेगा. सतत संजीवनी सेवा के तहत पहले इसे सरकारी के साथ ही निजी अस्पतालों की इमरजेंसी में भी शुरू करने की तैयारी थी. मगर, अब ऐसा नहीं होगा. पहले चरण में इसे सरकारी अस्पतालों में ही शुरू किया जाएगा. चिकित्सा शिक्षा विभाग जल्द मुख्यमंत्री योगी के समक्ष इसका प्रजेंटेशन करेगा. एक्सीडेंट या किसी भी आपात स्थिति में मरीज के लिए शुरुआती 48 घंटे बेहद अहम होते हैं.

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