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लंबी चली तनातनी के बाद पीयूष और अखिलेश वार्ता को राजी

।। लखनऊ से राजेन्द्र कुमार ।। यूपी के बिजली संकट को लेकर लंबी चली तनातनी के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मिल बैठकर बातचीत करने को राजी हो गए हैं. प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक के प्रयासों के चलते दोनों नेताओं की अहम बैठक आठ नवंबर को अब […]

।। लखनऊ से राजेन्द्र कुमार ।।

यूपी के बिजली संकट को लेकर लंबी चली तनातनी के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मिल बैठकर बातचीत करने को राजी हो गए हैं. प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक के प्रयासों के चलते दोनों नेताओं की अहम बैठक आठ नवंबर को अब लखनऊ में होगी है. जिसमें पीयूष गोयल के साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यूपी के बिजली संकट को खत्म करने संबंधी रणनीति पर वार्ता करेंगे और बिजलीघरों में कोयले की कमी का मुद्दा प्रमुखता से उठाएंगे.

गौरतलब है कि बीते चार माह से यूपी के बिजली संकट को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच खूब तनातनी चली रही थी. पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर बातचीत न करने का आरोप जड़ा था तो अखिलेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर यूपी में बिजली संकट के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए असहयोगात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाया था.

इस राजनीतिक जंग के बाद अब गोयल व अखिलेश के बीच बैठक होने जा रही है. यह बैठक आयोजित कराने में सूबे के राज्यपाल राम नाईक ने अहम भूमिका निभायी है क्योंकि दोनों नेता ही एक दूसरे के साथ बैठकर बातचीत करने को तैयार ही नहीं थे. जिसे देख राम नाईक ने पीयूष गोयल को यूपी के बिजली संकट के निदान को लेकर लखनऊ में आकर बैठक करने के लिए मनाया.

राज्यपाल के इस प्रयास के बाद अब अखिलेश सरकार की ओर से वे सारे तथ्य एवं सूचनाएं एकत्र कराई जा रही है, जिनसे यह साबित किया जा सके कि प्रदेश में बिजली संकट केंद्र की वजह से ही खड़ा हुआ. कोयल की कमी का मुददा भी पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री की बैठक में प्रमुखता से उठाया जाएगा.

मुख्यमंत्री सचिवालय के अफसरों के अनुसार जुलाई-अगस्त में पैदा हुई कोयले की किल्लत के चलते बिजलीघरों का उत्पादन प्रभावित होने के आंकड़े बैंठक में रखे जाएंगे और प्रदेश में प्रस्तावित नई बिजली परियोजनाओं के लिए कोयले की मांग रखी जाएगी. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कोल ब्लाकों में यूपी को आवंटित चंदीपाड़ा कोल ब्लाक भी है.

इस बैठक में इलाहाबाद के करछना में प्रस्तावित 1320 मेगावाट की तापीय परियोजना का कोल लिंकेज जेपी के नाम से बदलकर राज्य विद्युत उत्पादन निगम के पक्ष में करने का अनुरोध किया जाएगा. इसके अलावा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ओडिशा के चंदीपाड़ा कोल ब्लाक के स्थान पर यूपी को नया कोल ब्लाक आवंटित करने का दबाव भी पीयूष गोयल पर बनाएंगे.

राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के बजट को पुनरीक्षित करके 900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट देने की मांग की पीयूष गोयल से करेंगे. फिलहाल ऊर्जा विभाग व पावर कॉर्पोरेशन के आला अधिकारी केंद्रीय मंत्री के समक्ष उठाए जाने वाले इन मुददों को लेकर माथापच्ची में जुटे हैं. अब देखना है कि यूपी की तरफ से की जाने वाली इन मांगों को लेकर पीयूष गोयल का क्या रूख होगा.

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