नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह और सोनिया गांधी ने आठ महीने में सांसद निधि का एक पैसा खर्च नहीं किया

लखनऊ : उत्तरप्रदेश राजनीतिक दृष्टि से देश का सबसे अहम राज्य है. देश के ज्यादातर चोटी के राजनेता इसी प्रदेश से अब भी आते हैं और पहले भी आते रहे हैं. पर, राजनीतिक दिग्गजों की इस भूमि से एक दिलचस्प खबर आ रही है. सरकारी दस्तावेजों से ही यह खुलासा हुआ है कि उत्तरप्रदेश के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2015 1:02 PM
लखनऊ : उत्तरप्रदेश राजनीतिक दृष्टि से देश का सबसे अहम राज्य है. देश के ज्यादातर चोटी के राजनेता इसी प्रदेश से अब भी आते हैं और पहले भी आते रहे हैं. पर, राजनीतिक दिग्गजों की इस भूमि से एक दिलचस्प खबर आ रही है. सरकारी दस्तावेजों से ही यह खुलासा हुआ है कि उत्तरप्रदेश के 80 सांसदों में 78 सांसदों ने पिछले आठ महीने के अपने संसदीय क्षेत्र में अपने कोष से एक पैसा भी खर्च नहीं किया है. ऐसे सांसदों की सूची में वाराणसी से सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लखनऊ से सांसद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रायबरेली से सांसद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, अमेठी से सांसद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, मैनपुरी से सांसद समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और कन्नौज से सांसद उनकी बहू व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का भी नाम शुमार है.
सरकारी दस्तावेज बताते हैं कि पिछले आठ महीने में 80 लोकसभा सांसदों में से सिर्फ दो सांसद ने अपने क्षेत्र के लिए सांसद निधि के पैसे खर्च किये. इसमें एक सीतापुर से भाजपा सांसद राजेश वर्मा और दूसरी मथुरा से भाजपा सांसद व फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी का नाम शुमार है. वर्मा ने छह लाख रुपये खर्च किये हैं और हेमा मालिनी ने 1.11 करोड़ रुपये अपने क्षेत्र के लिए मंजूर किये हैं. यह आंकड़े सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मामलों के मंत्रलय के आंकड़ों पर आधारित है.
मालूम हो कि हर सांसद को सालाना पांच करोड़ अपने संसदीय क्षेत्र के विकास पर खर्च करने के लिए मिलते हैं. यानी 80 सांसदों को पांच करोड़ रुपये के हिसाब से साल में कुल 250 करोड़ रुपये आवंटित होने हैं. उसमें आठ महीने गुजरने के बाद राज्य में अबतक सांसद कोष की 99 प्रतिशत राशि खर्च नहीं हो सकी है.
सिर्फ उत्तरप्रदेश की ही यह स्थिति नहीं है. बल्कि महाराष्ट्र, झारखंड, जम्मू कश्मीर में भी अबतक एक भी पैसा सांसद कोष का खर्च नहीं हुआ. बहरहाल, राजनीतिक दृष्टिकोण से हाइप्रोफाइल राज्य उत्तरप्रदेश में इस मुद्दे पर भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच एक -दूसरे पर कीचड़ उछालने का खेल शुरू हो चुका है.

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