हाथरस / लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और केंद्र की मोदी सरकार व उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की हरसंभव कोशिश के बावजूद सूबे के हाथरस जिले से सभी कोशिशों पर पानी फेरने की कोशिश किये जाने की सूचना आयी है. हाथरस जिले के जिलाधिकारी प्रवीण लक्षकार के मुताबिक, हाथरस जिले के एक गांव के प्राथमिक विद्यालय में बनाये गये क्वॉरेंटाइन सेंटर में कोरोना वायरस के संदिग्धों को रखा गया था. साथ ही पंचायत सचिव को संदिग्धों की निगरानी के लिए नियुक्त किया गया था. लेकिन, जैसे ही पंचायत सेवक वहां से हटे, 35 कोरोना संदिग्ध अपने घर चले गये. मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी जा रही है. साथ ही पंचायत सेवक को निलंबित किया जा रहा है.
35 people who came to the village were put under quarantine&Panchayat Secretary was on duty to monitor them. But as soon as the officer left, villagers went to their homes. We are registering a case&suspending the Panchyat Secretary: Praveen Laxkar, Hathras District Magistrate pic.twitter.com/exKXeOkJSb
— ANI UP (@ANINewsUP) April 2, 2020
जानकारी के मुताबिक, हाथरस जिले के एक गांव के प्राथमिक विद्यालय में दूसरे राज्यों से आये करीब 35 लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था. साथ ही कोरोना संदिग्धों के खाने-पीने की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से सुनिश्चित की गयी थी. क्वॉरेंटाइन सेंटर में कोरोना संदिग्धों की निगरानी के लिए पंचायत सेवक को भी नियुक्त किया गया था. लेकिन, बुधवार की रात पंचायत सेवक के घर जाते ही दूसरे राज्यों से आये 35 कोरोना वायरस के संदिग्ध क्वॉरेंटाइन सेंटर से फरार हो गये.
घटना के संबंध में हाथरस जिले के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने कहा है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर से फरार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया जा रहा है. साथ ही काम में लापरवाही बरतने को लेकर पंचायत सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. साथ ही कहा कि छह लोग वापस आ गये हैं. वहीं, 29 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दे दिये गये हैं.