प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची महोबा में एम्स स्थापना की गुहार
लखनउ : विकास की दौड में पिछडे उत्तर प्रदेश के बुंदेलखण्ड स्थित महोबा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स की स्थापना की गुहार आखिरकार प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक पहुंच गयी. पीएमओ ने जिला प्रशासन से इस मुहिम के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है. महोबा के जिलाधिकारी वीरेश्वर सिंह ने ‘भाषा’ को टेलीफोन पर बताया […]
लखनउ : विकास की दौड में पिछडे उत्तर प्रदेश के बुंदेलखण्ड स्थित महोबा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स की स्थापना की गुहार आखिरकार प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक पहुंच गयी. पीएमओ ने जिला प्रशासन से इस मुहिम के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है. महोबा के जिलाधिकारी वीरेश्वर सिंह ने ‘भाषा’ को टेलीफोन पर बताया ‘‘प्रधानमंत्री कार्यालय ने मुझसे पूछा है कि एम्स की स्थापना के लिए जारी अभियान में कौन-कौन लोग शामिल हैं.’’
उल्लेखनीय है कि अक्सर सूखे की मार से बेजार और विकास की दौड में काफी पीछे महोबा जिले में एम्स की स्थापना की मांग पर जोर देने के लिये वहां के बाशिंदों ने अनूठा तरीका अपनाया है. खासकर मुसलमानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संस्कृत में पत्र लिखने की मुहिम शुरू की है. इस काम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे सामाजिक कार्यकर्ता तारा पाटकर के मुताबिक ‘‘हमने महोबा जिले में एम्स की स्थापना के लिए अभियान शुरू किया है. इसके तहत हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पहले ही 50 हजार पोस्टकार्ड भेज चुके हैं. अब मुस्लिम युवक और बच्चे प्रधानमंत्री को संस्कृत में पत्र लिख रहे हैं.
जल्द ही 10 हजार और पोस्टकार्ड भी प्रधानमंत्री के पास भेजे जाएंगे.’’ अभियान की अगुवाई कर रहे ‘बुंदेली समाज’ के समन्वयक पाटकर ने कहा ‘‘हम प्रधानमंत्री को उर्दू तथा बुंदेली में लिखे 10 हजार खत भी भेजेंगे. इसके अलावा सिंधी, पंजाबी तथा मलयालम में भी खत भेजकर महोबा में एम्स स्थापित करने की मांग की जाएगी.’’ उन्होंने बताया कि यह मुहिम इस साल मार्च में शुरू की गयी थी और करीब 10 लाख की आबादी वाले महोबा जिले से रोजाना एक हजार खत प्रधानमंत्री को भेजे जा रहे हैं.