सलीम-शबनम मामले में प्रेमी युगल की मौत की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगायी रोक, सात लोगों की हत्या का है आरोप
नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला और उसके प्रेमी को एक बच्चे समेत सात सात लोगों की हत्यामामले में मौत की सजा पर अमल करने से रोक लगा दी है.गौरतलब है कि यह घटना 2008 में उत्तर प्रदेश में हुई थी. न्यायमूर्ति एके सिकरी और न्यायमूर्ति यूयू ललित की एक पीठ ने उत्तर प्रदेश […]
नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला और उसके प्रेमी को एक बच्चे समेत सात सात लोगों की हत्यामामले में मौत की सजा पर अमल करने से रोक लगा दी है.गौरतलब है कि यह घटना 2008 में उत्तर प्रदेश में हुई थी. न्यायमूर्ति एके सिकरी और न्यायमूर्ति यूयू ललित की एक पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करके उससे जवाब भी मांगा और मामले की आगे की सुनवाईकी तारीख 27 मई तय की है. शबनम और उसके प्रेमी सलीम को सुनायी गयी मौत की सजा की तामील के लिए 21 मई को वारंट जारी किया गया था.
उच्चतम न्यायालय ने एक मई को शबनम और सलीम की दोष सिद्ध की और उन्हें सुनायी गयी मौत की सजा को बरकरार रखा था और बाद में दोषियों द्वारा दायर याचिका खारिज करने के संबंध में 15 मई को विस्तृत निर्णय सुनाया था.शबनम की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने न्यायालय से कहा कि मौत की सजा की तामील के संबंध में कोई भी अंतिम निर्णय लिए जाने से पहले मामले की सुनवाई की जाए.एक सत्र अदालत ने 2010 में शबनम और सलीम को मौत की सजा सुनायी थी जिसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2013 में बरकरार रखा था.
सलीम और शबनम एक दूसरे से प्रेम करते थे और विवाह करना चाहते थे, लेकिन शबनम के परिवार ने इस रिश्ते पर कडा विरोध जताया. 15 अप्रैल 2008 को 10 माह के बच्चे समेत शबनम के पूरे परिवार की हत्या कर दी गयी थी और महिला ने शुरुआत में यह जाहिर किया कि उत्तर प्रदेश के अमरोहा स्थित उसके घर पर अज्ञात हमलावरों ने हमला किया था. बाद में यह पता चला कि उसने अपने परिवार के सदस्यों को दूध में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया और सलीम के सहयोग से उनको मार डाला. इसके बाद उसने अपने 10 माह के भतीजे की गला घोंटकर हत्या कर दी थी.