विधानपरिषद् में मनोनयन सूची पर सवालों के बीच सीएम अखिलेश ने की राज्यपाल से मुलाकात

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानपरिषद् में सदस्यों को मनोनित करने के संबंध में सरकार की तरफ से भेजी गई सूची में शामिल नौ लोगों की पृष्ठभूमि के बारे में राजभवन द्वारा उठाये गये कुछ सवालों की पृष्ठभूमि में मंगलवार को राज्यपाल राम नाईक से भेंट की. रविवार को फ्रांस की यात्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2015 11:11 PM

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानपरिषद् में सदस्यों को मनोनित करने के संबंध में सरकार की तरफ से भेजी गई सूची में शामिल नौ लोगों की पृष्ठभूमि के बारे में राजभवन द्वारा उठाये गये कुछ सवालों की पृष्ठभूमि में मंगलवार को राज्यपाल राम नाईक से भेंट की.

रविवार को फ्रांस की यात्र से लौटे मुख्यमंत्री यादव की राज्यपाल से आज पहली मुलाकात हुई. इसे विधानपरिषद् के नामित क्षेत्र से प्रस्तावित लोगों के बारे में राजभवन द्वारा मांगी गई सूचनाओं के मद्देनजर इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है. गौरतलब है कि विधानपरिषद् में मनोनयन के लिए मंजूरी हेतु अखिलेश सरकार ने 20 मई को समाजवादी पार्टी के नौ लोगों की एक सूची राजभवन भेजी थी. मगर राज्यपाल नाईक ने 24 मई को सरकार को भेजे एक पत्र के जरिए प्रस्तावित लोगों की पृष्ठभूमि के बारे में कुछ सूचनाएं मांगी हैं.

राजभवन ने उम्मीदवारों के संबंध में पूछा था कि क्या उनका कोई अपराधिक रिकार्ड है. क्या किसी के खिलाफ कोई मामला लंबित है. क्या कोई बैंक डिफाल्टर है. राज्यपाल ने यह भी जानने की इच्छा जाहिर की है कि इन नौ उम्मीदवारों ने कला, साहित्य, संगीत, नृत्य या समाज सेवा के क्षेत्र में क्या उल्लेखनीय योगदान किया है. गौरतलब है कि विधानपरिषद् में गैर-राजनीतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों को ही इन नौ सीटों पर मनोनित किया जाता है.

सपा सूत्रों के अनुसार, सरकार पुरानी सूची में संशोधन कर उसमें अभिनेत्री जयाप्रदा, भाषा संस्थान के अध्यक्ष और साहित्यकार उदय प्रताप सिंह, लोक गायक काशी नाथ यादव और शतरुद्र प्रकाश का नाम शामिल कर सकती है. प्रदेश के 108 सदस्यीय उच्च सदन में मनोनीत निर्वाचन क्षेत्र से मनोनयन के लिए 20 मई को राजभवन भेजे गये नामों में जितेन्द्र यादव का नाम शामिल है, जो राजद प्रमुख लालू प्रसाद के निकट संबंधी हैं. एसआरएस यादव सपा के पूर्व कार्यालय सचिव रह चुके हैं जबकि पूर्व छात्र नेता राजपाल कश्यप, सपा नेता लीलावती कुशवाहा, रणविजय सिंह, कमलेश पाठक, राम वृक्ष यादव और अब्दुल सरफराज खान पार्टी कार्यकर्ता हैं. प्रमुख बिल्डर संजय सेठ का नाम भी सूची में है जिनकी पहचान सत्ता के गलियारों में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों से निकटता रखने वाले व्यक्ति के रुप में है.

पूर्व की बसपा सरकार द्वारा मनोनीत नौ सदस्यों का कार्यकाल आज समाप्त होने की वजह से नौ सीटें रिक्त हो रही हैं. बसपा के जो सदस्य विधानसभा की सीटों से रिटायर हो रहे हैं, वे कमलाकांत गौतम, गोपाल नारायण मिश्र, नौशाद अली, एम एल तोमर, मेघराज सिंह, रामचंद्र सिंह प्रधान, विनय शाक्य, बनवारी सिंह यादव और शिवबोध राम हैं.

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